नई दिल्ली: कोरोना महामारी के बीच जैसे जैसे दिन बीत रहे हैं वैक्सीन की उम्मीद बढ़ती जा रही है. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने मंगलवार को दूसरे चरण के सफल ट्रायल का दावा किया. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने कहा कि जल्द से वैक्सीन को इस्तेमाल के लिए लॉन्च किया जाएगा.


इस बीच देश में कोरोना वैक्सीन से जुड़ी बड़ी खबर सामने आयी. पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ने ऑक्सफोर्ड में वैक्सीन बना रही कंपनी से करार कर वैक्सीन का उत्पादन शुरू कर दिया. कंपनी का दावा है कि उसके पास करोड़ डोज़ तैयार हैं और दिसंबर यानी जब तक वैक्सीन लॉन्च होगी तब तक उनके पास वैक्सीन के अरबों डोज़ पहले से तैयार होंगे.


इस सबके बीच भारत में वैक्सीनेशन कैसे होगा इसे लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. भारत की आबादी को देखते हुए माना जा रहा है कि हर एक शख्स तक वैक्सीन पहुंचने में लंबा समय लगेगा. सीरम इंस्टीट्यूट का कहना है कि देश भर में सभी को वैक्सीन लगने में दो साल तक लग सकते हैं.


नीति आयोग ने कहा है कि कोरोना की अलग अलग वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. नीति आयोग के सदस्य डॉ. डीके पॉल ने कहा कि वैक्सीन लोगों तक कैसे पहुंचाए जाए इसे लेकर चर्चा शुरू गई है. उन्होंने कहा कि ऑक्सफोर्ड और वुहान वैक्सीन के प्रारंभिक परिणाम उत्साहजनक हैं. दो स्वदेशी टीके देश में चरण एक और दो के परीक्षणों में हैं.


वैक्सीन को लोगों तक पहुंचाने की चुनौती के सवाल एम्स पटना के एमएस डॉ. सीएम ने कहा, ''हमारा आबादी को देखते हुए यह चुनौती वाला काम है. वैक्सीन के प्रोडक्शन के स्तर पर हमें ज्यादा दिक्कत नहीं होगी. हमारे पास वैक्सीन पहुंचाने का एक सिस्टम पहले से मौजूद है. पोलियो वैक्सीन के लिए हमने पहले से ही बहुत मजबूत व्यवस्था बनायी है. इसका कवरेज शहरों से लेकर गांव गांव तक है.''


क्या कहते हैं आंकड़े?
हमारे देश की आबादी इस वक्त करीब 135 करोड़ के आस पास है. इस पूरी आबादी के टीकाकरण के लिए बहुत बड़े स्तर पर अभियान चलाना पड़ेगा. आंकड़ों के मुताबिक अगर हर रोज 10 लाख की आबादी तक कोरोना की वैक्सीन पहुंचायी जाए 1350 दिन लग जाएंगे. 1350 दिन यानी करीब पौने चार साल में पूरे देश में टीका करण हो पाएगा. ऐसे में सीरम इंस्टीट्यूट के दो साल में वैक्सीनेशन के दावे पर सवाल तो खड़ा होता ही है.


वैक्सीन की कीमत?
सीरम इंस्टीट्यूटके मुताबिक कोरोना के लिए बनने वाली वैक्सीन की कीमत करीब 1000 रुपये के आसपास होगी. एम्स पटना के एमएस डॉ. सीएम ने कहा कि कीमत के हिसाब से देखें तो भारत की अधिकतर आबादी के लिए यह कीमत भी बहुत ज्याा है ऐसे में उम्मीद है सरकार कुछ मदद करेगी या फिर कोई और रास्ता निकालेगी.





ये भी पढ़ें-





Tags: