अगर आप भी अपने बैंक अकाउंट समेत कई तरह के साइबर फ्रॉड से बचना चाहते हैं, तो अपनाएं यह आसान तरीके
आज के दौर में साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. आए दिन साइबर ठग लोगों के बैंक अकाउंट से पैसे निकालने की घटनाओं को अंजाम देते रहते हैं. इसके अलावा भी साइबर अपराधी कई अन्य तरीकों से लोगों को ठग लेते हैं.
आज के दौर में साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. आए दिन साइबर ठग लोगों के बैंक अकाउंट से पैसे निकालने की घटनाओं को अंजाम देते रहते हैं. इसके अलावा भी साइबर अपराधी कई अन्य तरीकों से लोगों को ठग लेते हैं. इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट की मानें तो भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या पिछले साल 50 करोड़ को पार कर गई. 2023 तक भारत में यह आंकड़ा 65 करोड़ के पार होने का अनुमान है. ऐसे में लोगों को साइबर ठगी से बचने के लिए बेहद सावधानी बरतनी होगी. क्योंकि इंटरनेट के बढ़ते दायरे के साथ साइबर अपराध के मामले भी बढ़ रहे हैं. अगर आप इस तरह की ठगी से बचना चाहते हैं, तो यह खबर आपके लिए ही है. आज आपको बताएंगे कि किस तरह आप अपने बैंक अकाउंट समेत तमाम तरह की साइबर ठगी से खुद को बचा सकते हैं. इसके लिए आपको कोई खास मेहनत करने की जरूरत नहीं है, बस सावधानी के साथ कुछ जरूरी कदम उठाने होंगे.
इंटरनेट चलाते वक्त ये सावधानी बरतें
इंटरनेट चलाते वक्त आपको ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है. ब्राउजिंग करते वक्त अनजान वेबसाइट पर अपनी ई-मेल आईडी डालने से बचें. साथ ही किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले अच्छी तरह देख लें. अक्सर साइबर अपराधी ई-मेल और लिंक के जरिए लोगों को निशाना बनाते हैं. डाउनलोडिंग करते वक्त भी आपको प्रमाणित वेबसाइट का इस्तेमाल करना चाहिए.
ऑनलाइन बैंकिंग करते वक्त इन बातों का ध्यान रखें
आजकल लोग बैंकों में लंबी लाइन लगाने के बजाय घर बैठे लेनदेन करना पसंद करते हैं. कोरोनावायरस के बाद तो यह तरीका और भी ज्यादा प्रचलित हो गया है. हालांकि बैंक हमेशा यह सलाह देते हैं कि किसी भी फोन कॉल या ई-मेल के जरिए आपके खाते से संबंधित जानकारी या ओटीपी को किसी भी व्यक्ति के साथ शेयर न करें. बैंक कभी भी गोपनीय जानकारी के बारे में फोन, मैसेज या ई-मेल के जरिए नहीं पूछता. अक्सर लोगों को साइबर ठग बैंक के कर्माचारी बताकर फोन करते हैं और उनके अकाउंट और कार्ड में परेशानी बताकर डिटेल मांगते हैं. कई बार लोग उनके झांसे में आ जाते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं. किसी भी व्यक्ति द्वारा पैसों के लालच में भी आकर अपनी डिटेल शेयर न करें. साथ ही इस बात की जानकारी बैंक को दें.
अपनी सुरक्षा को भी रखें दुरुस्त
अगर आप किसी भी एप्लिकेशन या नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि आपकी सिक्योरिटी मजबूत हो. अपनी डिवाइस में फायरवॉल और एनक्रिप्शन का खयाल रखें. साथ ही डेटा को स्टोर करने के साथ मजबूत पासवर्ड भी रखें. अपने पासवर्ड को समय-समय पर बदलते रहें. पासवर्ड को किसी के साथ भी शेयर न करें.
साइबर इंश्योरेंस भी है बेहद जरूरी
आज के जमाने में लाइफ इंश्योरेंस, हेल्थ इंश्योरेंस और व्हीकल इंश्योरेंस के अलावा साइबर इंश्योरेंस भी बेहद जरूरी होता है. किसी भी साइबर अपराध की स्थिति में यह आपको नुकसान से बचाता है. साइबर अपराधी लगातार शातिर होते जा रहे हैं, ऐसे में कई बार सावधानी के बावजूद ऐसी घटना हो जाती है. ऐसे में इंश्योरेंस आपको नुकसान के खतरे से बचाता है. साइबर इंश्योरेंस में आइडेंटिटी चोरी, मैलवेयर हमले, आईटी चोरी से होने वाला नुकसान, साइबर स्टॉकिंग और साइबर ठगी जैसे कई खतरे कवर किए जाते हैं. इसको लेने के बाद आप बिना टेंशन के इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकते हैं.