नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान बंटवारे के जिम्मेदारों में से एक मोहम्मद जिन्ना की तस्वीर को लेकर एक बार फिर नये सिरे से विवाद शुरू हो गया है. पूर्व उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा है कि अगर कोलकाता में विक्टोरिया मेमोरियल हो सकता है तो अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में जिन्ना की तस्वीर में क्या बुराई है?
टाइम्स ऑफ इंडिया को दिये गए इंटरव्यू में हामिद अंसारी ने कहा, ''यूनिवर्सिटी में ये पहले से परंपरा रही है. वहां स्टूडेंट यूनियन मशहूर लोगों को सम्मानित करता रहा है. पहली बार मोहनदास करमचंद गांधी को सम्मान दिया गया था. उसके बाद मोरारजी देसाई, मदर टेरेसा और खान अब्दुल गफ्फार खान को सम्मानित किया गया और तस्वीर लगाई गई. जिन्ना को भी सम्मानित किया गया और उनकी तस्वीर लगाई गई. जिन्ना 1938 में वहां गये थे. उनकी तस्वीर वहां होने में क्या बुराई है? अगर विक्टोरिया मेमोरियल हो सकता है तो यहां जिन्ना की तस्वीर क्यों नहीं हो सकती है? हमारी परंपरा भवनों और तस्वीरों पर हमला करने की नहीं रही है.''
आपको बता दें कि मई में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर को लेकर विवाद खड़ा हो गया था. तब अलीगढ़ लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद सतीश गौतम ने एएमयू कुलपति को चिट्ठी लिखकर पूछा था कि जिन्ना की तस्वीर हॉल में क्यों लगी है?
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जिसके बाद हिंदूवादी संगठनों ने यूनिवर्सिटी के पास विरोध प्रदर्शन किया था और इसी दौरान भीड़ हिंसक हो गई थी. पुलिस को गई राउंड गोलियां चलानी पड़ी थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विवाद के बीच कहा था कि जिन्ना ने हमारे देश का बंटवारा किया, भारत में जिन्ना का महिमामंडन बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. योगी ने कहा था कि उन्होंने मामले में जांच के आदेश दिए हैं.
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