नई दिल्लीः सरकार ने 2024 तक देश के सभी गांवों के सभी घरों में नल से पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. जल जीवन मिशन के तहत चल रहे इस कार्यक्रम के लिए हाल में 2021 - 22 में पेश हुए आम बजट में 50000 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है. हालांकि मोदी सरकार अब इस कार्यक्रम में जन भागीदारी बढ़ाने के लिए एक अनोखी पहल पर काम कर रही है. जल शक्ति मंत्रालय के तहत जल जीवन मिशन योजना के लिए सरकार जल्द ही एक ' राष्ट्रीय जल जीवन कोष ' का गठन करने जा रही है.


अनोखा है कोष का मकसद
कोष का मकसद बड़ा अनोखा है. कोष में ऐसे सभी लोग दान कर सकेंगे जो अपने गांव से दूर रहकर जल जीवन मिशन योजना में अपना योगदान देना चाहते हैं. इस कोष में जो भी दान दिया जाएगा वो उसी गांव के लिए इस्तेमाल हो सकेगा जिसके लिए उसे दिया गया है.


जल शक्ति मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि अगले कुछ महीनों में इस कोष का लिंक जल जीवन मिशन की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दिया जाएगा. गांव में नल के ज़रिए सीधे घरों में पीने का पानी पहुंचाने से जुड़े किसी भी खर्चे के लिए दान दिया जा सकेगा. मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि अगर दान किसी महत्वपूर्ण काम के लिए दिया जाएगा तो उसका नाम भी उसी व्यक्ति की ओर से सुझाए गए उसके परिवार के किसी व्यक्ति के नाम पर रखा जाएगा.


ग्रामीण क्षेत्र में 6.60 करोड़ घरों में नल से पहुंचा पीने का पानी
25 दिसम्बर 2019 को इस मिशन की शुरुआत से पहले देश भर के गांवों के केवल 3.23 करोड़ यानि क़रीब 17 फ़ीसदी घरों में ही नल से पीने का पानी मुहैया हो रहा था. मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक़ कोरोना महामारी के बावजूद तब से लेकर अबतक ग्रामीण इलाकों के 3.37 करोड़ नए घरों में नल से पीने का पानी पहुंचाया जाने लगा है. अब कुल 6.60 करोड़ ग्रामीण घरों में पीने का पानी सीधे नल से पहुंच पा रहा है.


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