नई दिल्लीः कोरोना वैक्सीन न सिर्फ आपको वायरस से बचायेगी, बल्कि दूसरे देशों में जाने के लिये भी एक जरुरी योग्यता होगी. यूरोप ने अपने देशों के बार्डर आने जाने के लिये खोल दिये हैं, लेकिन वही लोग जा सकते हैं जिनको वैक्सीन के पूरे डोज लग चुके हैं. यहां ये बताना भी जरुरी है कि यात्रा करने वाले ने जो वैक्सीन लगाई हो, वो विश्व स्वास्थ्य संगठन की इमरजेंसी यूज लिस्ट में हो.
इस वक्त विश्व स्वास्थ्य संगठन की इमरजेंसी यूज लिस्ट के लिये 19 वैक्सीन कैंडिडेट ने आवोदन किया है. इनमें से सिर्फ 8 को ही अभी तक विश्व स्वास्थ्य संगठन की एमरजेंसी यूज लिस्ट में शामिल किया गया है. इनमें, फाइजर, एस्ट्रा जेनेका के तीन वैक्सीन, जिनमें सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड भी शामिल है, मौडेरना, सीनोफारम, जानसन एंड जानसन की जैनसेन को अमेरिका और न्यूजालैंड की आंशिक मंजूरी शामिल है.
भारत में उपलबध अभी सिर्फ एक ही वैकसीन, सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड को विश्व स्वास्थ्य संगठन की एमरजेंसी यूज लिस्ट में शामिल किया गया है. भारत बायोटेक की कोवैक्सीन नें 19 अप्रैल 2021 को एक्सप्रेशन आफ इंटरेस्ट विश्व स्वास्थय संगठन को सौंप दिया था.
इसपर डब्लयूएचओ नें कुछ और जानकारी भारत बायोटेक से मांगी है. ये जानकारी दिये जाने के बाद मई या जून महीने प्री सबमीशन की औपचारिक बैठक होगी. यहां सभी पहलुओं पर चर्चा के बाद भारत बायोटेक को वैक्सीन से संबंधित डोजियर पेश करना होगा.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकलन करने के बाद ही कोवैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन की एमरजेंसी यूज लिस्ट में जगह मिलेगी. भारत में आयी रुस की स्पूतनिक वैक्सीन को भी अभी तक विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मांगी गयी जानकारी न मिलने की वजह से एमरजेंसी यूज लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है.
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