आईएफएस अधिकारी विनय मोहन क्वात्रा भारत के नए विदेश सचिव होंगे. क्वात्रा मौजूदा विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला की जगह ले रहे हैं. इससे पहले वो 32 साल तक अलग-अलग देशों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. श्रृंगला इस महीने के आखिर में रिटायर हो रहे हैं. जिसके बाद क्वात्रा बतौर विदेश सचिव अपना कामकाज संभालेंगे. 


कुछ ऐसा रहा क्वात्रा का करियर
विनय मोहन क्वात्रा साल 1988 में भारतीय विदेश सेवा में शामिल हुए थे. इसके बाद वो कई अहम पदों पर काबिज रहे. उन्होंने 1993 तक जिनेवा में भारत के स्थायी मिशन में तीसरे और दूसरे सचिव के तौर पर भी काम किया. क्वात्रा ने यूएन से जुड़ी एजेंसियों में भी काम किया और ह्यूमन राइट्स कमीशन का भी हिस्सा रहे. अपनी सेवा के ही दौरान विनय मोहन क्वात्रा ने इंटरनेशनल रिलेशंस में जिनेवा से डिप्लोमा भी किया. 


साल 1993 और 2003 के दौरान क्वात्रा यूनाइटेड नेशंस से जुड़े मुख्यालय में बतौर डेस्क ऑफिसर तैनात रहे. इसी बीच क्वात्रा साउथ अफ्रीका और उजबेकिस्तान में राजनयिक मिशन में भी शामिल रहे. 2003 और 2006 के बीच क्वात्रा ने काउंसलर के तौर पर काम किया और बाद में चीन में बीजिंग के भारतीय दूतावास में डिप्टी चीफ ऑफ मिशन के पद पर रहे. 2006 से 2010 तक उन्होंने नेपाल में सार्क सचिवालय में व्यापार, अर्थव्यवस्था और वित्त ब्यूरो के प्रमुख के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व किया. इसके बाद मई 2010 से जुलाई 2013 तक क्वात्रा वॉशिंगटन में भारतीय एंबेसी में मिनिस्टर (कॉमर्स) के पद पर तैनात रहे. 


पीएमओ में भी किया काम
विनय मोहन क्वात्रा ने इसके बाद विदेश मंत्रालय के पॉलिसी प्लानिंग एंड रिसर्च डिवीजन में काम किया. साथ ही इसके ठीक बाद वो विदेश मंत्रालय के अमेरिका डिवीजन के हेड बने, जहां उन्होंने अमेरिका और कनाडा के साथ भारत के रिश्तों को लेकर काम किया. इसके बाद क्वात्रा ने पीएमओ में भी काम किया. अक्टूबर 2015 से लेकर अगस्त 2017 तक उन्होंने प्राइम मिनिस्टर ऑफिस (पीएमओ) में बतौर ज्वाइंट सेक्रेट्री काम किया. क्वात्रा ने 2017 से लेकर 2020 तक फ्रांस में भारतीय एंबेसेडर के तौर पर अपनी सेवा दी. इसके बाद मार्च 2020 से लेकर अब तक वो नेपाल में बतौर भारतीय एंबेसेडर काम कर रहे हैं. 


फिलहाल विनय मोहन क्वात्रा को भारत सरकार की तरफ से बड़ी जिम्मेदारी मिली है. उन्हें विदेश सचिव का पद ऐसे वक्त में दिया जा रहा है जब यूक्रेन और रूस की लड़ाई को लेकर वैश्विक चुनौतियां सामने हैं. ऐसे में क्वात्रा पर बतौर विदेश सचिव कई अहम जिम्मेदारियां होंगीं. 


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