नई दिल्ली: तेलंगाना सरकार ने आज हैदराबाद के लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम में इफ़्तार पार्टी का भव्य आयोजन किया. ये इफ्तार पार्टी अपने आयोजन से पहले ही विवादों में आ गयी थी. दरअसल इस इफ्तार पार्टी को रोकने के लिए हैदराबाद हाई कोर्ट में ये याचिका दायर की गयी थी.


याचिका में कहा गया कि राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग (MWD) का धनगरीबों के बजाय कुलीन मुसलमानों के लिए भव्य इफ्तार पार्टी के आयोजन के लिए लगाया जा रहा है.


राज्य सरकार की ओर से ये दलील दी गयी कि इस धन का इस्तेमाल गरीबों के लिए ही किया जाएगा जहां करीब 800 मस्जिदों में उनके लिए इफ्तार का आयोजन किया गया है. ये याचिका एक सामाजिक कार्यकर्ता लुबना सरवथ ने दाखिल की थी, उन्होंने राज्य सरकार के कदम पर सवाल उठाया और मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव की इफ्तार की मेज़बानी को असंवैधानिक करार दिया.


याचिका में कहा गया कि पिछले तीन सालों से तेलंगाना सरकार वीवीआईपी के लिए इफ्तार पार्टी के नाम पर भव्य भोज रख रही है यही कारण है कि अल्पसंख्यकों का ये फंड न तो उनके लिए ना ही उनके कल्याण के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, साथ ही ये भी कहा गया कि खुद मुख्य न्यायाधीश और मुख्यमंत्री भी इस भव्य भोज में हिस्सा लिया था.


हालांकि राज्य सरकार की ओर से इन आरोपों को खारिज़ करते हुए कहा गया कि वे इस फंड को अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए ही इस्तेमाल कर रहे हैं. हैदराबाद हाई कोर्ट ने इस याचिका से इस इफ्तार पार्टी पर रोक से तो साफ़ इंकार कर दिया लेकिन तीन हफ्ते के भीतर कोर्ट ने सरकार से इस पर रिपोर्ट ज़रूर मांगी है.