कोलकाताः आईआईएम कलकत्ता ने प्रोफेसरों के लिए नई गाइडलाइन जारी की  है. गाइडलाइन में कहा गया है कि कोई भी प्रोफेसर संस्थान या सरकार की सार्वजनिक आलोचना नहीं कर सकते हैं. गाइडलाइन के मुताबिक सार्वजनिक व्यवस्था या शालिनता को चोट पहुंचाने वाले विरोध प्रदर्शन में भी प्रोफेसर शामिल नहीं हो सकते हैं. प्रोफेसरों के लिए जारी कोड ऑफ कंडक्ट में मीडिया में भी सार्वजनिक बयान देने पर रोक लगा दी गई है.


अंजू सेठ ने पद से दिया था इस्तीफा


बता दें कि आईआईएम-कलकत्ता हाल ही में तब चर्चा में आ गया था जब बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (BoG) द्वारा पावर्स खत्म किए जाने के एक महीने बाद संस्थान की पहली महिला निदेशक अंजू सेठ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. अंजू सेठ का कार्यकाल अगले साल यानि फरवरी 2022 को पूरा होने वाला था.


साल 2018 में बनी थीं निदेशक


गौरतलब है कि अंजू सेठ ने अपना इस्तीफा सिक लीव लेने के दो दिन के अंदर ही सरकार को सौंप दिया. उन्होने लीव पर जाने के साथ ही प्रशांत मिश्रा, डीन को आईआईएम कलकत्ता के कार्यवाहक निदेशक की जिम्मेदारी दी थी.


बता दें कि अंजू सेठ को साल 2018 के नवंबर महीने में आईआईएम कलकत्ता की पहली महिला निदेशक के पद पर नियुक्ति किया गया था. वह आईआईएम कलकत्ता 1978 बैच की पूर्व छात्रा भी रही हैं.


IIM कोलकाता की पहली महिला निदेशक अंजू सेठ ने पद से दिया इस्तीफा, जानें क्या रही बड़ी वजह