जलवायु परिवर्तन से भारत में बढ़ेंगी बाढ़ और लू जैसी घटनाएं, IIT की स्टडी में खुलासा
IIT Gandhinagar Study: आईआईटी गांधीनगर ने एक स्टडी कर बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण भविष्य में भारत को काफी नुकसान हो सकता है.
IIT Study: जलवायु परिवर्तन के कारण भविष्य में भारत में बाढ़ और ‘लू’ जैसी मौसमी घटनाएं कई गुना बढ़ने वाली हैं. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), गांधीनगर के रिसर्चर के एक अध्ययन में यह अनुमान जताया गया है.
स्टडी में, भारत के क्रमिक असामान्य मौसमी घटनाओं के जोखिम का पता लगाने के लिए साल 1951 से 2020 तक की अवधि का अध्ययन किया, जिसमें इस क्षेत्र में गर्मियों में ‘लू’ और गर्मियों के बाद मॉनसून के दौरान अत्यधिक वर्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया.
रिसर्चर ने क्या कहा?
शोधकर्ताओं ने कहा कि इस तरह की मौसमी घटनाओं से भारत में कृषि उत्पादन, सार्वजनिक स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचा व्यापक स्तर पर प्रभावित हुआ. यह अध्ययन ‘वन अर्थ जर्नल’ में प्रकाशित हुआ है.
गुजरात स्थित आईआईटी-गांधीनगर में सिविल अभियांत्रिकी एवं पृथ्वी विज्ञान विभाग के प्रोफेसर विमल मिश्रा ने कहा, ‘‘जलवायु परिवर्तन के कारण भविष्य में क्रमिक असमान्य मौसमी घटनाओं की बारम्बरता कई गुना बढ़ने का अनुमान है.’’
कैसे जोखिम कम होगा?
प्रोफेसर विमल मिश्रा ने कहा कि पूर्व-औद्योगिक काल से पहले की तुलना में यदि तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होती है तो असामान्य मौसमी घटनाओं की चपेट में आबादी और शहरी क्षेत्र के आने की बारम्बरता बढ़ सकती है.
रिसर्चर ने यह भी पाया कि जलवायु अनुकूलन (पारिस्थितिक, सामाजिक या आर्थिक प्रणालियों में समायोजन करना) से इस जोखिम को कम किया जा सकता है. प्राकृतिक घटनाओं में बदलाव आने का कारण जलवायु परिवर्तन ही है. इससे भूंकप, बाढ़ जैसी घटनाएं पहले से अधिक बढ़ गई है.
इसका सबसे ज्यादा नुकसान गरीब और विकासशील देशों को हो रहा क्योंकि जलवायु परिवर्तन को अनुकूल बनाने के लिए पैसे और संसाधन की कमी होती है. इसके असर खेती पर भी पड़ रहा है. जंगलों में लगने वाली आग की घटना भी पिछले कुछ सालों में बढ़ी है.
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