कोलकाता: आईआईटी खड़गपुर के शोधार्थियों को एक बड़ी कामयाबी मिली है. रिसर्च टीम के सदस्यों ने गुजरात के थार रेगिस्तान के निकट तीन हजार साल पुरानी पाषाण युग की बस्ती के साक्ष्य होने का पता लगाया है. शोधार्थियों ने करीम शाही में तीन हजार साल पुरानी पाषाण युग की बस्ती और विगकोट में प्राचीन से मध्यकाल की बस्तियों के पुरातात्विक साक्ष्य का पता लगाया है.


आईआईटी खड़गपुर ने बृहस्पतिवार को इस संबंध में एक बयान जारी किया. इसमें कहा गया है कि करीम शाही क्षेत्र में मिले पुरातात्विक साक्ष्य प्रारंभिक पाषाण युग से प्रारंभिक ऐतिहासिक काल (3100-2300 वर्ष पूर्व) के बीच के हैं. वहीं, विगकोट में मिले साक्ष्य ऐतिहासिक काल से मध्य काल (1500-900 वर्ष पूर्व) के बीच के माने जा रहे हैं.


यह शोध एल्सेवियर जर्नल ‘आर्कियोलॉजिकल रिसर्च इन एशिया’ में ऑनलाइन प्रकाशित हुआ था. 5200-3300 साल पुरानी सिंधु घाटी सभ्यता के समाप्त होने के पश्चात 3000-2500 साल पहले पाषाण युग सभ्यता अस्तित्व में आई थी. रिसर्च टीम में शामिल एक सदस्य ने कहा कि तीन साल तक चली इस खोज में दल को थार रेगिस्तान के करीम शाही क्षेत्र में पाषाण युग की सभ्यता के साक्ष्य मिले हैं.


आईआईटी खड़गपुर के प्रोफेसर अनिंद्य सरकार ने कहा ,‘‘क्षेत्र से मिले जीवाश्म खोल और तलछट का अध्ययन सक्रिय नदी तंत्र और कुछ वर्षा होने की ओर इशारा करता है जिसने संभवतय: प्रारंभिक पाषाण युग से मध्यकाल तक मानव आबादी को बचा कर रखा.’’ प्रोफेसर सरकार ने इस शोध की अगुवाई की थी.


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