Viral Post: 'चार लोगों की मिडिल क्लास फैमिली, खर्च 20 लाख', मेट्रो सिटी के इंजीनियर के पोस्ट पर मचा बवाल
IIT Kharagpur Student Viral Post: IIT खड़गपुर के एक स्टूडेंट ने मेट्रो सिटी में चार लोगों के परिवार का खर्च 20 लाख रुपये का हिसाब शेयर किया है. इस पर लोग खूब कॉमेंट कर रहे हैं.
20 Lakhs Expense In Metro City: लोकसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच पूरे देश में महंगाई को लेकर हंगामा बरपा हुआ है. इस बीच आईआईटी खड़गपुर के एक पूर्व छात्र ने चार लोगों के मिडिल क्लास के एक परिवार का सालाना 20 लाख रुपये के खर्च का एक ऐसा पोस्ट सोशल मीडिया पर किया है जो सुर्खियों में है.
छात्र का नाम प्रितेश ककानी है. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक्सेल शीट में एक चार लोगों के मिडिल क्लास परिवार के खर्च की डिटेल शेयर की है. इसमें उन्होंने लिखा है कि यह खर्च मेट्रो शहर में रह रहे मिडिल क्लास परिवार का है. इस पर लोग खूब प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
क्या है आईआईटी खड़गपुर के पूर्व छात्र का सोशल मीडिया पोस्ट?
प्रितेश ककानी ने पोस्ट शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, 'भारत के एक मेट्रो शहर में चार लोगों के परिवार का खर्च हर साल 20 लाख रुपये है. कोई लग्जरी से संबंधित खर्च नहीं जोड़ा गया है.' ककानी ने पोस्ट में स्क्रीनशॉट भी शेयर किया है. इसमें महीने और साल का खर्च लिखा हुआ है.
इस स्क्रीनशॉट में सालाना किराया या ईएमआई खर्च है 4,20,000 रुपये, एक बच्चे की स्कूल की फीस 4,00,000 रुपये, खाने का खर्च 1,20,000 रुपये, एशिया या भारत में किसी जगह की यात्रा का खर्च 1,50,000 रुपये और अन्य खर्च लिखे हुए हैं. मजेदार बात ये है कि इसमें कुत्ते का भी सालाना खर्च जोड़ा गया है.
Family of 4 Expense in Metro city in India is 20 lakh per year. No luxury expense added. Details are as follows: pic.twitter.com/eAXmVS0j2O
— Pritesh Kakani (@pritesh_kakani) April 14, 2024
सोशल मीडिया पोस्ट पर दिलचस्प कमेंट्स कर रहे हैं लोग
सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट पर बड़ी संख्या में लोग कमेंट कर रहे हैं. एक यूजर ने पोस्ट पर कमेंट करते हुए कहा, 'मैं कभी नहीं जानता था कि कुत्ते और कारें लोगों की आवश्यकताएं हैं. अगर आपके पास घर नहीं है तो आपको ईएमआई पर कार नहीं खरीदनी चाहिए. पर्सनल फाइनेंस 101.'
एक अन्य यूजर ने लिखा, 'भारतीय मेट्रो शहरों में कार एक आवश्यकता है. कुत्ते का खर्च हर साल सिर्फ 6 हजार रुपये है. एक अन्य यूजर ने लिखा है, '10 हजार रुपये महीने के कपड़े और जूते. फिर लग्जरी क्या है? 21 वीं सदी की गरीबी की पहचान क्या है?'
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