चेन्नईः जातिगत भेदभाव को लेकर IIT मद्रास में एक बड़ा मामला सामने आया है. ताजा मामले में IIT मद्रास के एक सहायक प्रोफेसर ने गुरुवार को यह कहते हुए संस्थान से इस्तीफा देने की बात कही है कि उनके साथ संस्थान में जातिगत भेदभाव हो रहा है.
संस्थान के सहायक प्रोफेसर की ओर से संकाय सदस्यों को भेजे गए कथित ईमेल में लिखा है, 'संस्थान छोड़ने के पीछे की प्राथमिक वजहों में से एक मानविकी और समाज विज्ञान विभाग में मेरे साथ हुआ जातिगत भेदभाव है, जो मार्च 2019 में मेरी नियुक्ति के समय से ही जारी है.'
आईआईटी मद्रास ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया
हालांकि जब संस्थान से यह पूछा गया कि क्या सहायक प्रोफेसर ने औपचारिक तौर पर इस्तीफा दे दिया है या उन्होंने संस्थान को भेजे अपने इस्तीफा पत्र में यह आरोप लगाया है, तो इस पर आईआईटी मद्रास ने तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. इस प्रतिष्ठित संस्थान ने एक बयान में कहा, 'इस ईमेल पर संस्थान की कोई प्रतिक्रिया नहीं है. कर्मचारियों या शिक्षकों से मिली किसी भी शिकायत पर शिकायत निवारण की तय प्रक्रिया के जरिए तत्काल कार्रवाई की जाती है.'
फिलहाल प्रोफेसर से तत्काल संपर्क नहीं हो सका है. सोशल मीडिया में व्यापक रूप से प्रसारित ई-मेल को भी IIT-M के छात्रों की एक पहल, अंबेडकर पेरियार स्टडी सर्कल द्वारा रीट्वीट किया गया था. मेल में कहा गया है कि संस्थान को अनुसूचित जाति और ओबीसी संकाय सदस्यों के अनुभवों का अध्ययन करने के लिए एक पैनल का गठन करना चाहिए.
इसे भी पढ़ेंः
कोरोना वैक्सीन की कमी की शिकायत के बीच स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन बोले- राजनीति करने की बेशर्म ललक...
PNB SCAM: नीरव मोदी की बहन ने ब्रिटेन के बैंक खाते से 17.25 करोड़ रुपये भारत सरकार को भेजे