CJI IIT Madras Speech: आईटी के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को नई क्रांति के तौर पर देखा जा रहा है. इस बीच भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार (22 जुलाई) को टेक्नोलॉजी के दुरुपयोग को लेकर चिंता जताई.


आईआईटी मद्रास के दीक्षांत समारोह में सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि आजकल हम सभी तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन इसको लेकर अभी भी हमारे मन में कई सवाल हैं.


सीजेआई ने आईआईटी मद्रास के 60वें दीक्षांत समारोह में स्नातक छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि सोशल मीडिया ने हमें हर उम्र के लोगों से जुड़ने की अनुमति दी है, लेकिन इस नए संचार उपकरण ने ऑनलाइन दुर्व्यवहार और ट्रोलिंग जैसे नए व्यवहार को जन्म दिया है.


हानिकारक उद्देश्यों के लिए हो रहा है दुरुपयोग 
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) में व्यक्तियों का दुरुपयोग करने, गुमराह करने, धमकी देने या यहां तक कि धमकाने की क्षमता होती है. हानिकारक उद्देश्यों के लिए इसके दुरुपयोग को रोकना सबके लिए प्रमुख चुनौतियों में से एक होगा. टेक्नोलॉजी का ऑनलाइन दुरुपयोग करके उपयोगकर्ताओं के मन में डर पैदा नहीं करना चाहिए.


चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने पूछा, ''आज मैं आपके पास दो प्रश्न छोड़ना चाहता हूं जो मुझे आशा है कि आप स्वयं से पूछेंगे. आपकी तकनीक किन मूल्यों का प्रतिनिधित्व करती है और इसकी संभावनाएं क्या हैं?''


'जब हम भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं तब हमें यह देखना चाहिए कि...'
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि जब हम भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं तब हमें यह देखना चाहिए कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी किस प्रकार से मानव विकास में मदद कर सकते हैं. आज वीडियो कांफ्रेंसिंग ने हमारे काम करने के तरीके को बदल दिया है.


आईआईटी मद्रास के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष पवन गोयनका ने कहा कि अनुसंधान गतिविधियों पर संस्थान का खर्च पहले के लगभग 250 करोड़ रुपये से बढ़कर अब 1,000 करोड़ रुपये हो गया है. 60वें दीक्षांत समारोह के दौरान कुल 2,571 छात्रों ने स्नातक की उपाधि प्राप्त की.


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