Illegal Slaughter Of Donkeys: आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में गधे के मांस (Donkey Meat) की बिक्री को लेकर पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया ने एक गुप्त जांच की. पेटा इंडिया ने हाल ही में प्रदेश के अलग-अलग जिलों ओंगोल, ताडेपल्ले, विजयवाड़ा, चिराला और बापटला का दौरा किया. इस दौरे के दौरान पेटा ने कसाइयों को सड़कों के किनारे, फ्लाईओवर के नीचे और अस्थायी स्टालों के पीछे गधों का गला काटते हुए पाया. पेटा ने इस गुप्त जांच में पाया कि वयस्क बच्चों को गधों के अवैध वध में मदद करने के लिए मजबूर करते हैं. इसके अलावा गधों का बचा हुआ मांस और खाल को खुली सड़कों पर फेंक दिया जाता है, जहां आवारा कुत्ते उनका सेवन करते हुए दिखाई दिए. 


भारत (India) में गधों का वध और मांस का व्यापार अवैध है. बावजूद इसके इस प्रकार से खुले में गधों के मांस का अवैध कारोबार जारी है. पुलिस अधिकारी भी इस अवैध कारोबार में शामिल लोगों के खिलाफ कोई एक्शन लेने की बजाय उनसे मांस खरीदते हुए पाए गए. इस अवैध व्यापार में शामिल लोग अक्सर पुलिस से बचने के लिए देर रात गधों का रात के समय एक जगह से दूसरी जगह ले जाने का काम करते हैं. 


पहले भी पकड़ा गया गधे का मांस


पेटा इंडिया ने हाल ही में बापटला पुलिस और एनिमल रेस्क्यू ऑर्गनाइजेशन के साथ 400 किलोग्राम से अधिक गधे के मांस को जब्त करने के लिए एक संयुक्त अभियान चलाया था. आंध्र प्रदेश में गधों का मांस कई जिलों में खाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि गधे का मांस खाने से कई बीमारियां ठीक हो जाती है. 


गधे स्मार्ट, संवेदनशील जानवर हैं जो मरना नहीं चाहते हैं, फिर भी मिथकों द्वारा बनाई गई मांग को पूरा करने के लिए उन्हें सड़कों के किनारे काटा जा रहा है. वेगन प्रोजेक्ट्स के पेटा इंडिया मैनेजर डॉ किरण आहूजा ने कहा कि डॉक्टर स्वास्थ्य लाभ की तलाश करने वालों के लिए मांस नहीं, पौधे आधारित भोजन खाने की सलाह देते हैं. आखिरकार, शाकाहारी लोगों को हृदय रोग, टाइप 2 मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापा और कुछ प्रकार के कैंसर का खतरा कम होता है. मांसाहारी भोजन से इरेक्टाइल डिसफंक्शन हो सकता है. 


भारत में अवैध है गधे का मांस


भारत में गधों को मारने और उसका मांस खाने के कारण इसकी आबादी में पिछले सात साल में 61 फीसदी की गिरावट आई है. भारत में गधों का हत्या और उसका मांस खाना गैरकानूनी है. भारत में गधे की हत्या करना भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 429 का उल्लंघन करता है और इसके लिए पांच साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है. 1960 की धारा 11(1)(ए) और (एल) के तहत गधों को मारना भी एक अपराध है. खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत गधों के मांस का सेवन अवैध है. 


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