नई दिल्ली: बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को कहा कि भारत के संसाधनों पर सिर्फ भारतवासियों का हक है और यह कोई ‘धर्मशाला’ नहीं, जहां अवैध प्रवासी आकर बस जाएं. अवैध आव्रजन को देश के लिए खतरा करार देते हुए शाह ने कहा कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) देश के बुनियादी मसलों को सुलझाने का एक तरीका है और इसे बीजेपी से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, ‘‘एनआरसी को सिर्फ बीजेपी से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए. यह देश के बुनियादी मसलों को सुलझाने का तरीका है. यह कैसे मुमकिन है कि कोई आए और यहां बस जाए? देश इस तरह नहीं चल सकता. यहां के नागरिक ही यहां रहने चाहिए और देश के संसाधनों पर उन्हीं का हक है.’’


अमित शाह ने कहा, ‘‘यह देश कोई धर्मशाला नहीं है कि कोई आकर यहां बस जाए.’’ इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों को आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि 70 साल से घुसपैठियों को वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया जाता रहा और वे देश के लिए खतरा हैं, जबकि बीजेपी देशहित में सख्त फैसले लेने में यकीन करती है. एनआरसी पर एक सवाल के जवाब में शाह ने कहा, ‘‘उनकी (घुसपैठियों की) पहचान होनी चाहिए. मतदाता सूची से उनके नाम हटाए जाने चाहिए. बीजेपी का साफ मानना है कि उनकी पहचान कर उन्हें वापस भेजा जाना चाहिए. घुसपैठिये देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा करते हैं.’’


गौरतलब है कि असम देश का एकमात्र राज्य है जहां एनआरसी है. एनआरसी का पूरा मसौदा इस साल 30 जुलाई को प्रकाशित किया गया था. इसमें कुल 3.29 करोड़ आवेदकों में से 2.9 करोड़ लोगों के नाम शामिल किए गए जबकि जिन लोगों के नाम शामिल नहीं किए गए, उन्हें अपनी नागरिकता साबित करने के लिए जरूरी दस्तावेज जमा कराने के लिए समय दिया गया. बीजेपी अध्यक्ष ने लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 से बड़ी जीत का दावा किया.


अमित शाह ने कहा, "देश की जनता को तय करना है कि उन्हें मजबूर सरकार चाहिए, जिसकी मजबूरी का फायदा उठाकर सब इकठ्ठा बैठकर भ्रष्टाचार कर सके, कोई किसी को कुछ न बोले या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ऐसी मजबूत सरकार चाहिए जो किसी को न छोड़े और देश का विकास करे.’’ महागठबंधन को ढकोसला बताते हुए उन्होंने कहा कि आप ही सोचे कि अगर अखिलेश यादव तेलंगाना में, मायावती आंध्रप्रदेश में, ममता बनर्जी मध्यप्रदेश में, चंद्र बाबू नायडू राजस्थान में चुनाव में उतरते हैं तब चुनाव परिणाम पर क्या गुणात्मक प्रभाव पड़ेगा.


हालांकि, बीजेपी अध्यक्ष ने स्वीकार किया कि उत्तरप्रदेश में अगर एसपी और बीएसपी साथ आते हैं तो कुछ समस्या आयेगी. शाह ने कहा कि उत्तरप्रदेश में बीजेपी का वोट प्रतिशत पहले 45 प्रतिशत रहा है और एसपी और बीएसपी का संयुक्त वोट प्रतिशत करीब 51 प्रतिशत होता है. ऐसे में बीजेपी को 6 प्रतिशत के अंतर को पाटना है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने प्रतिबद्धता के साथ इस अंतर को पाटने की तैयारी की है और जिसको साथ आना है, आए जाएं.


बीजेपी अध्यक्ष ने जोर दिया कि छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में पूर्ण बहुमत की बीजेपी की सरकार बनेगी. पश्चिम बंगाल में उनकी रथ यात्रा रोकने के ममता बनर्जी सरकार के प्रयास के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बंगाल में हमारी आवाज को दबाने का जितना प्रयास किया जायेगा वह उतनी ही मुखरता के साथ बंगाल के गांव-गांव तक जायेगी. उन्होंने जोर दिया कि बंगाल में बीजेपी आने वाले समय में जरूर सरकार बनाएगी.


मोदी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए अमित शाह ने कहा कि 70 साल तक देश में टुकड़ों-टुकड़ों में काम हुआ. वर्तमान सरकार ने चार साल में सरकार की योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाकर देश के गरीबों का जीवन स्तर ऊपर उठाने का काम किया है. अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राम मंदिर पर कांग्रेस को बोलने को अधिकार नहीं है. अब तक राम मंदिर पर फैसला आ जाना चाहिए था. कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने इस मुद्दे पर अदालत में देरी किये जाने पर जोर दिया था.


अमित शाह ने कहा, ‘‘ हम मानते है कि भव्य राम मंदिर का निर्माण तुरंत होना चाहिए.’’ राफेल रक्षा सौदे को लेकर राहुल गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए शाह ने कहा, ‘‘ राफेल सौदे में एक कौड़ी का भ्रष्टाचार नहीं हुआ है. मैं पहले भी कह चुका हूं कि अगर कांग्रेस अध्यक्ष के पास कोई जानकारी है तो उसका स्रोत बताएं. इस बारे में वह सुप्रीम कोर्ट में भी हलफनामा दायर कर सकते हैं. ’’


राबर्ट वाड्रा के करीबियों के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय के छापे के बारे में कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए अमित शाह ने कहा कि अब समय बदल गया है और अफ़सर भी समझ चुके है कि अब चोरी नहीं चलेगी. बैंकों का कर्ज लेकर देश से भागने वालों के संबंध में कांग्रेस के आरोप पर बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि जो भागे हैं उनको लोन कांग्रेस के समय दिया गया. कांग्रेस के समय में एक भी नहीं भागा क्योंकि उन्हें कांग्रेस का संरक्षण था. ‘‘ हमने कठोर कार्रवाई की इसीलिए भागे हैं .’’


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