Illegal Immigrants Issue: अवैध घुसपैठ रोकने पर SC गंभीर, केंद्र से पूछा- 1971 के बाद से भारत में घुसे लोगों की अनुमानित संख्या क्या है?
Legal News: चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने अवैध घुसपैठ को लेकर पूछा कि बांग्लादेश के साथ बंगाल की सीमा अधिक बड़ी है, ऐसे में असम में बसने वाले बांग्लादेशियों को ही नागरिकता देने का कानून क्यों बनाया?
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Illegal Immigrants In India: देश में होने वाले अवैध घुसपैठ पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है. कोर्ट ने कहा है कि इससे न सिर्फ जनसंख्या संतुलन बिगड़ता है, बल्कि देश के संसाधनों पर भी बोझ बढ़ता है. कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि उसने पूर्वोत्तर राज्यों से भारत में होने वाली घुसपैठ को रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं.
कोर्ट ने यह जानकारी भी मांगी है कि 1971 के बाद से भारत में अवैध तरीके से घुसे विदेशियों की अनुमानित संख्या क्या है. असम में 1971 से पहले बसे बांग्लादेशियों को नागरिक का दर्जा देने वाले कानून को चुनौती पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह सवाल किया.
क्यों हो रही है सुनवाई?
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में 5 जजों की संविधान पीठ 1985 के असम समझौते और नागरिकता कानून की धारा 6A को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. इनके तहत बांग्लादेश से 24 मार्च 1971 के बाद असम आए लोगों को अवैध अप्रवासी माना गया है, लेकिन उससे पहले आए लोगों को नागरिक का दर्जा देने की बात कही गई है. मामले पर दाखिल अलग-अलग याचिकाओं में इसे मनमाना कहा गया है.
सुप्रीम कोर्ट का सवाल
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सवाल किया कि सिर्फ असम में बसने वाले लोगों को ही विशेष दर्जा क्यों दिया गया? चीफ जस्टिस ने पूछा कि बांग्लादेश के साथ पश्चिम बंगाल की सीमा अधिक बड़ी है, ऐसे में असम में बसने वाले बांग्लादेशियों को ही नागरिकता देने का कानून क्यों बनाया गया? इसका जवाब देते हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि असम में अवैध घुसपैठियों के खिलाफ काफी आंदोलन हो रहा था. इसलिए, 1985 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने एक ऐसी व्यवस्था बनाई, जिससे 24 मार्च 1971 ल बाद भारत आए लोगों को नागरिकता न मिल सके.
जवाब से संतुष्ट नहीं जज
जज इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुए. चीफ जस्टिस ने कहा कि नागरिकता कानून की धारा 6A पर जो भी फैसला हो, कोर्ट अवैध घुसपैठ की समस्या पर सुनवाई करेगा. सरकार इस बात पर हलफनामा दे कि 25 मार्च 1971 के बाद देश भर में अवैध घुसपैठ करने वालों की अनुमानित संख्या क्या है? अवैध घुसपैठ रोकने के लिए सीमा पर कंटीली बाड़ लगाने की क्या स्थिति है? उत्तर पूर्वी राज्यों में अवैध घुसपैठ रोकने के लिए प्रशासनिक स्तर पर क्या कदम उठाए गए हैं? भारत में अवैध तरीके से आने लोगों के लिए कितने फॉरेनर ट्रिब्यूनल केंद्र सरकार ने बनाए हैं? इन ट्रिब्यूनल ने अभी तक कितने केस का निपटारा किया है और कितने केस लंबित हैं?
साफ है कि नागरिकता कानून की एक धारा पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मामले को और विस्तार से देखने की ज़रूरी समझी है. अवैध घुसपैठ रोकने के लिए उठाए गए कदमों का ब्यौरा मांग कर और घुसपैठियों की पहचान करने वाले फॉरेनर ट्रिब्यूनल के कामकाज पर सवाल उठा कर सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया है कि वह इस मसले पर गंभीर है. कोर्ट ने केंद्र और असम सरकार से सोमवार तक जवाब दाखिल करने को कहा है. अगले हफ्ते भी मामले की सुनवाई जारी रहेगी.
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