हाई कोर्ट ने योगी सरकार को लगाई फटकार, दो बड़े अधिकारियों पर गिर सकती है गाज
गोरखपुर के डीएम राजीव रौतेला और कानपुर देहात के डीएम राकेश कुमार सिंह दोनों ही योगी सरकार में ऊंचे ओहदों पर बैठे लोगों के बेहद करीबी माने जाते हैं.
नई दिल्ली: यूपी की योगी सरकार के दो बड़े अधिकारियों पर गाज गिरने वाली है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने योगी सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने पूछा है कि गोरखपुर के डीएम राजीव रौतेला औऱ कानपुर देहात के डीएम राकेश कुमार को अब तक सस्पेंड क्यों नहीं किया गया है? गोरखपुर के डीएम राजीव रौतेला और कानपुर देहात के डीएम राकेश कुमार सिंह पर अवैध खनन को रोकने में नाकाम रहने का आरोप है. रामपुर की कोसी नदी में अवैध खनन के मामले में कोर्ट ने आदेश दिया था. दो साल पहले प्रशासन की मिलीभगत से अवैध बालू खनन का आरोप लगाते हुए अर्जी लगी थी.
कोर्ट ने 13 दिसंबर 2017 को दिया था सस्पेंड करने का आदेश
कोर्ट ने यूपी के चीफ सेक्रेटरी से गोरखपुर के मौजूदा डीएम राजीव रौतेला और कानपुर देहात के डीएम राकेश कुमार सिंह को 16 फरवरी तक सस्पेंड कर कोर्ट में रिपोर्ट पेश करने को कहा है. यूपी सरकार के ढुलमुल रवैये पर नाराज़गी जताते हुए कोर्ट ने कहा है कि हाई कोर्ट की तरफ से 13 दिसम्बर को दोनों आईएएस अफसरों को सस्पेंड किये जाने के आदेश पर डेढ़ महीने बाद भी अमल नहीं होना गंभीर मामला है. हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने दोनों आरोपी आईएएस अफसरों का बचाव करने वाली चीफ सेक्रेटरी की रिपोर्ट को ठुकरा दिया है और कहा है कि दोनों डीएम को सस्पेंड किये जाने के बाद ही इस रिपोर्ट पर संज्ञान लिया जाएगा. चीफ जस्टिस डीबी भोंसले और जस्टिस एमके गुप्ता की डिवीजन बेंच ने दोनों आईएएस अफसरों को फ़ौरन सस्पेंड कर हाई कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था.
योगी सरकार में ऊंचे ओहदे पर बैठे लोगों के करीबी माने जाते हैं दोनों अफसर
शुक्रवार को हाई कोर्ट के सख्त तेवर के बाद योगी सरकार के चहेते दोनों आईएएस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होना अब तय हो गया है. इस मामले में कोर्ट अब सोलह फरवरी को सुनवाई करेगी. गोरखपुर के डीएम राजीव रौतेला और कानपुर देहात के डीएम राकेश कुमार सिंह दोनों ही योगी सरकार में ऊंचे ओहदों पर बैठे लोगों के बेहद करीबी माने जाते हैं.
रामपुर के समाजसेवी ने दो साल पहले दाखिल की थी अर्जी
रामपुर के समाजसेवी मक़सूद ने दो साल पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कोसी नदी में प्रशासन की मिलीभगत और अनदेखी से अवैध बालू खनन का आरोप लगाया था. आरोप था कि गुलाम हुसैन उर्फ़ नन्हे नाम का क्रशर संचालक मशीनों का इस्तेमाल कर अवैध बालू खनन कर रहा है. हाई कोर्ट ने इस बारे में तत्कालीन डीएम राकेश कुमार सिंह को सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए थे. इस पर डीएम राकेश ने गुलाम हुसैन के खनन लाइसेंस पर रोक लगा दी थी.
शिकायतकर्ता पर हो चुका है जानलेवा हमला
इस बीच शिकायतकर्ता मक़सूद पर जानलेवा हमला हुआ था, जिस पर हाई कोर्ट ने सख्त नाराज़गी जताई थी. बाद में दूसरे डीएम राजीव रौतेला ने मक़सूद के स्टोन क्रेशर का रिन्यूअल कर दिया. मकसूद ने कुछ दिनों पहले नई अर्जी दाखिल कर बताया कि कोर्ट की रोक के बावजूद रामपुर में धड़ल्ले से अवैध बालू खनन हो रहा है. उन्होंने इससे जुड़े कई वीडियो और फोटो भी पेश किए.
हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने इस मामले में यूपी सरकार से जवाब तलब किया था. अदालत ने रामपुर में बतौर डीएम तैनात रहे आईएएस अफसर गोरखपुर के मौजूदा डीएम राजीव रौतेला और कानपुर देहात के मौजूदा डीएम राकेश कुमार सिंह को सस्पेंड करने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई किये जाने के आदेश दिए थे. लेकिन योगी सरकार ने कोर्ट के आदेश के बावजूद दोनों आईएएस अफसरों को अभी तक सस्पेंड नहीं किया है और अब उनके बचाव का रास्ता खोज रही है.