अहमदाबादः गुजरात के अनपढ़ या स्कूली शिक्षा प्राप्त विधायक स्नातक या उच्च डिग्रीधारी विधायकों से कहीं ज्यादा कमाते हैं. सोमवार को एक गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. एडीआर चुनाव सुधार के लिए काम करने वाले संस्था है. इस रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात के कुल 182 विधायकों में से 161 की औसत सालाना आय 18.80 लाख रुपये है. इनमें स्नातक किये हुये 63 विधायकों की औसत सालाना आय 14.37 लाख रुपये है.
पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव से पहले सभी 182 विधायकों की तरफ से दायर किए गए चुनावी हलफनामे का अध्ययन करने के बाद एडीआर और इससे संबद्ध ‘गुजरात इलेक्शन वॉच’ की ओर से तैयार की गई इस रिपोर्ट में विधायकों की वार्षिक आय, पेशा और शैक्षणिक योग्यता के बारे में ब्यौरा दिया गया है.
रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में मौजूदा विधायकों की खुद की औसत सालाना आय 24.59 लाख रुपये है. कर्नाटक के विधायकों की औसत सालाना आय सबसे ज्यादा एक करोड़ रुपये से अधिक है, जबकि छत्तीसगढ़ के विधायकों की औसत आय सबसे कम है. छत्तीसगढ़ के विधायकों की औसत सालाना आय देशभर में सबसे कम 5.4 लाख रुपये ही है.
पुरुषों की तुलना में महिला विधायकों की आय कम
रिपोर्ट के मुताबिक, विधायकों में महिला और पुरूषों की आय में भारी अंतर दिखाई देता है. पुरूष विधायकों की औसत आय महिला विधायकों के मुकाबले दोगुने से भी अधिक है. रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि जिन विधायकों ने अपने आप को अशिक्षित बताया है उनकी अपनी औसत सालाना आय 9.31 लाख रुपये है. कुल विधायकों में से करीब आधे विधायकों ने अपना व्यवसाय कृषि या फिर कारोबार बताया है.
कर्नाटक के विधायकों की आय सबसे ज्यादा
राज्यों की बात करें तो रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक के 203 विधायकों की औसत सालाना आय सबसे ज्यादा 111.4 लाख रुपये है. इसके बाद महाराष्ट्र के विधायकों की औसत आय 43.4 लाख रुपये रही है. इसमें महाराष्ट्र के 256 विधायकों का विश्लेषण किया गया. छत्तीसगढ़ के जिन 63 विधायकों की खुद की आय का विश्लेषण किया गया वह देशभर में सबसे कम 5.4 लाख रुपये रही है. इसके बाद झारखंड के विधायकों की आय इससे कुछ ज्यादा 7.4 लाख रुपये दर्ज की गई है.
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