भारत में कोविड 19 की दूसरी लहर ने आम इंसान के साथ साथ डॉक्टरों को भी नहीं बक्शा. कोविड से संक्रमित हो कर सैकड़ों डॉक्टरों की जान मरीजों का इलाज करते हुए चली गई है. पूरे भारत में अब तक 594 डॉक्टरों की कोविड के चलते मौत हुई है. इस बात की जानकारी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने दी है. आईएमए ने कहा कि देश में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के दौरान 594 डॉक्टरों की मौत हुई है. आईएमए ने मरने वाले डॉक्टरों के आंकड़े शेयर कर बताया है कि मरने वाले 594 डॉक्टरों में से सबसे ज्यादा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में थे, जो इस चरण के दौरान भारत में सबसे ज्यादा प्रभावित हॉटस्पॉट में से एक बन गया था. जिसके बाद बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और झारखंड से भी मरने वाले डॉक्टरों का पता चला है. आईएमए के मुताबिक ये डेटा महामारी के मद्देनजर भारत में चिकित्सा समुदाय की दुर्दशा का एक विश्वसनीय अनुमान प्रदान करता है.
IMA रखता है 3.5 लाख डॉक्टरों का रिकॉर्ड
आईएमए के साझा किए गए आंकड़ों से पता चला है कि दिल्ली में दूसरी लहर के दौरान 107 डॉक्टरों की मौत हो गई थी, वहीं बिहार में 96 डॉक्टरों की मौत हुई, जबकि उत्तर प्रदेश में 67, राजस्थान में 43 और झारखंड में भी 39 लोगों की मौत हुई है. हालांकि आईएमए भारत में चिकित्सकों का एक स्वैच्छिक संगठन होने के चलते माना जा रहा है कि ये आंकड़ा और भी ज्यादा हो सकता है. ऐसा इस वजह से क्योंकि एसोसिएशन 12 लाख डॉक्टरों में से केवल अपने 3.5 लाख सदस्यों का रिकॉर्ड रखता है.
IMA ने की डॉक्टरों की सुरक्षा संबंधी कानून की मांग
जानकारी के मुताबिक आईएमए ने हाल ही में डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मचारियों और स्वास्थ्य देखभाल प्रतिष्ठानों पर हिंसक घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाई और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से देश के स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा के लिए आपातकालीन आधार पर उनकी अपील पर विचार करने और स्वास्थ्य देखभाल हिंसा के खिलाफ एक प्रभावी और मजबूत कानून लागू करने का आग्रह किया है.
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