डॉक्टरों पर हमले के खिलाफ IMA करेगा प्रदर्शन, कहा- फ्रंटलाइन कोविड वर्कर्स की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी
IMA अध्यक्ष ने कहा कि बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, उत्तर प्रदेश, यूपी और कर्नाटक में कोविड वार्ड में ड्यूटी कर रहे डॉक्टरों पर हमले हुए. डॉक्टरों के साथ मारपीट की गई और उनको फ्रैक्चर आ गए.
नई दिल्ली: डॉक्टरों पर हमले के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) 18 जून को 'सेव द सेवियर' के नारे के साथ अपना विरोध दर्ज कराएगा. IMA अध्यक्ष जेए जयलाल ने कहा कि कोई अस्पताल बंद नहीं होगा. डॉक्टर काला बिल्ला, काला मुखौटा या काली शर्ट पहनकर विरोध जताएंगे.
IMA अध्यक्ष ने कहा, "इंडियन मेडिकल एसोसिएशन इस बात से दुखी है कि कोविड19 की दूसरी लहर में 724 डॉक्टरों ने कोरोना के इलाज में अपनी जान गंवाई. कई जगह पर कोरोना वार्ड में काम कर रहे डॉक्टरों के साथ मारपीट की गई और उनको फ्रैक्चर आ गए."
'कई राज्यों में डॉक्टरों पर हुए हमले'
जयलाल ने कहा कि बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, उत्तर प्रदेश, यूपी और कर्नाटक में कोविड वार्ड में ड्यूटी कर रहे डॉक्टरों पर हमले हुए. महामारी अधिनियम के अंतर्गत महामारी में फ्रंटलाइन कोविड वर्कर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है. हम सरकार से सीआरपीसी और आईपीसी के तहत एक केंद्रीय सुरक्षा कानून लाने की मांग करते है. इसके साथ ही सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में सेफ्टी स्ट्रक्चर होना जरूरी होना चाहिए.
इस महीने डॉक्टर दो बार कर चुके हैं आंदोलन
बता दें हाल ही में एम्स और सफदरजंग के रेजीडेंट डॉक्टरों ने मध्य प्रदेश में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों के समर्थन में 6 जून को दिल्ली में मोमबत्ती लेकर मार्च निकाला. मध्य प्रदेश के डॉक्टर मानदेय बढ़ाने और अगर वह या उनके परिवार के लोग संक्रमित होते हैं तो ऐसी स्थिति में उन्हें अस्पताल में बिस्तर मुहैया कराये जाने की मांग कर रहे हैं.
इससे पहले ऐलोपैथी के संबंध में योग गुरु रामदेव की टिप्पणी के खिलाफ दिल्ली के कई अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने एक जून को राष्ट्रव्यापी आंदोलन के तहत प्रदर्शन किया था.
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