भारतीय चिकित्सा संघ ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख कर डॉक्टरों पर हो रहे हमलों का मुद्दा उठाया है और पीएम मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग की है. साथ ही डॉक्टरों को सुरक्षित वातावरण में काम करने और उनको सुरक्षा देने की मांग की है, जिससे डॉक्टर बिना किसी डर के अपने काम को कर सकें. आईएमए ने पत्र में कोविड महामारी के दौरान अपनी जान की परवाह न कर रहे डॉक्टरों पर लग रहे आरोपों का जिक्र किया है और इस पर पीएम मोदी से एक्शन लेने की अपील की है.


दरअसल एलोपैथी और एलोपैथिक डॉक्टरों के खिलाफ योग गुरु बाबा रामदेव ने मोर्चा खोला था, हालांकि बाद में बाबा रामदेव ने अपना बयान वापस ले लिया था, लेकिन इंडियन मेडिकल असोसिएशन की नाराजगी अभी कम नहीं हुई है, यही वजह है कि आयुर्वेद और एलोपैथी के बीच चल रहा झगड़ा अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दहलीज तक पहुंच गया है. आईएमए ने पत्र में कहा है कि गलत बयान बाजी के चलते लोगों का डॉक्टरों से भरोसा उठ रहा है. वैक्सीनेशन को लेकर गलतफहमियां और दुष्प्रचार किए जा रहे हैं, जिसका लोगों पर गलत असर होगा.


IMA ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी


आईएमए ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा है कि जो डॉक्टर कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत से अब तक अपनी जान की परवाह किए बिना डटे रहे हैं उन पर आरोप लगाना अनुचित है, कोविड के चलते डॉक्टरों ने लाखों मरीजों की जान बचाई है. इसलिए अब पीएम मोदी को इन आरोपों पर एक्शन लेने की जरूरत है.



कोविड के चलते 513 डॉक्टरों की मौत


आईएमए ने पत्र की शुरुआत में बताया कि इस महामारी के दौरान देश भर से करीब 513 डॉक्टरों ने मरीजों की सेवा में अपनी जान गंवा दी है. इसलिए अब डॉक्टरों को सुरक्षित वातावरण दिया जाना चाहिए और डॉक्टरों की सुरक्षा पर विचार करना चाहिए, जिससे फिर से डॉक्टरों पर आरोप न लगाया जा सके.


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