Cyclone Alert: चक्रवात मचाएगा तबाही, IMD की चेतावनी आई, बारिश के बीच मौसम लेगा इस राज्य की परीक्षा
IMD Cyclone Warning: हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, तेलंगाना, पश्चिमी मध्य प्रदेश, विदर्भ, गुजरात, तेलंगाना और मराठवाड़ा के आसपास के क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बाढ़ का खतरा होने की आशंका है.
IMD Cyclone Warning: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार, 2 सितंबर को बंगाल की खाड़ी से उठने वाली चक्रवात को लेकर चेतावनी जारी की है. मौसम विभाग ने बताया है कि आने वाले 12 घंटों में कम दबाव क्षेत्र की वजह से भारी बारिश की संभावना है. मौसम विभाग ने बताया कि दक्षिण-पूर्व विदर्भ और तेलंगाना, चंद्रपुर (महाराष्ट्र) इस चक्रवात के केंद्र में रहेंगे.
Depression over southeast Vidarbha & nbd lay centered at 0530hrs IST of 2Sep over East Vidarbha & adj Telangana about 110km south of Bramhapuri (Maharashtra) and 80 km eastsoutheast of Chandrapur (Maharashtra). Likely to weaken into a WellMarkedLowPressureArea during next 12 hrs. pic.twitter.com/7zegO68MQt
— India Meteorological Department (@Indiametdept) September 2, 2024
मौसम विभाग की ओर से जारी अगले सात दिन के मौसम बुलेटिन के मुताबिक, 2 सितंबर को विदर्भ में भारी बारिश की आशंका है. हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, तेलंगाना, पश्चिमी मध्य प्रदेश, विदर्भ, गुजरात क्षेत्र, तेलंगाना और मराठवाड़ा के कुछ जलग्रहण क्षेत्रों और आसपास के क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बाढ़ का खतरा होने की आशंका है.
इसके अलावा मराठवाड़ा, असम और मेघालय में 02 और 03 सितम्बर को भारी बारिश होगा. गुजरात में 03 सितम्बर को सौराष्ट्र और कच्छ में बहुत भारी वर्षा होगी.
चक्रवात का क्या होगा प्रभाव?
मौसम विभाग ने कहा है कि चक्रवात और भारी बारिश की वजह से स्थानीय सड़कों पर बाढ़, निचले इलाकों में जल जमाव जैसी समस्याएं आएंगी. इसके साथ ही भारी वर्षा की वजह से विजिविलिटी भी कम हो जाएगी. सड़कों पर पानी जमा होने के कारण प्रमुख शहरों में यातायात बाधित होने की आशंका है. इसके अलावा मौसम विभाग ने कहा है कि प्रभावित क्षेत्रों में कमजोर संरचना को नुकसान की संभावना है.
मौसम विभाग ने सुझाए कुछ उपाय
मौसम विभाग ने प्रभावित इलाकों में भारी बारिश और चक्रवात को देखते हुए कुछ एहतियात बरतने की सलाह दी है. विभाग ने कहा है कि मध्य महाराष्ट्र के विदर्भ, मराठवाड़ा और घाट इलाकों में काले चने और हरे चने की फसल को सुरक्षित स्थानों पर इकट्ठा कर लें. इसके अलावा आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, कोंकण एवं गोवा, पश्चिमी मध्य प्रदेश, दक्षिणी गुजरात, केरल और तटीय कर्नाटक में जल जमाव से बचने के लिए खड़ी फसलों और फलों के बागों में जमे पानी की निकासी के लिए कोई अतिरिक्त रास्ता निकालें.
दक्षिण ओडिशा में मक्का, मूंगफली, रागी, सब्जियां, नीगर और केला से; आंध्र प्रदेश में चावल, मक्का, गन्ना, लाल चना, कपास, मूंगफली, सब्जियों और बागवानी फसलों से; तेलंगाना में चावल, सोयाबीन, लाल चना, मक्का, कपास और हल्दी के खेतों में पानी जमने से रोक लगाने के उपाय निकालें.
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