IMD Monsoon: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के विशेषज्ञों का दावा है कि अगले 48 घंटों के दौरान केरल से मानसून की शुरूआत हो जाएगी. वहीं जलवायु वैज्ञानिकों और मौसम विज्ञानियों ने दावा किया है कि भले ही इस बार देश भर में बारिश लाने वाले इस मानसून की शुरुआत समय पर हो लेकिन यह मानसून अपने पहले हफ्ते में बेहद कमजोर रहेगा.


मानसून की हल्की शुरुआत के पीछे उन्होंने गंभीर चक्रवात बिपरजॉय को कारण बताया है. उनके मुताबिक उस चक्रवात की वजह से केरल में शुरुआती हफ्ते का मानसून धीमा रहेगा. वहीं आईएमडी के वैज्ञानिकों का कहना है कि इन तीन वजहों के कारण मानसून में तेजी रहेगी.


(ए) दक्षिण अरब सागर के ऊपर पछुआ हवाओं का असर बना रहना 
(बी) मध्य क्षोभमंडल स्तर पर पछुआ हवाओं की गहराई में वृद्धि
(सी) पूर्व अरब सागर, लक्षद्वीप और केरल के तट पर छाए बादलों में बढ़ोतरी होना


बंगाल की खाड़ी में भी समय पर आएगा मानसून
आईएमडी ने कहा कि अगले 48 घंटों के दौरान दक्षिण अरब सागर के कुछ और हिस्सों, पूरे लक्षद्वीप, मालदीव और कोमोरिन क्षेत्र, दक्षिण पश्चिम, मध्य और पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून आगे बढ़ा है, लिहाजा हम यह कह सकते हैं कि मानसून अपने समय से ही आगे बढ़ रहा है. 


वहीं जलवायु वैज्ञानिकों का कहना है कि चक्रवात बिप्रजॉय पहले ही बीते एक हफ्ते से डिले चल रहे मानसून पर गलत प्रभाव डाल सकता है क्योंकि उसके आने से निभ्न वायु दाब का क्षेत्र नहीं बन पाएगा और वह मानसून के लिए जिम्मेदार निभ्न वायु दाब की हवाएं नहीं बना पाएगा जिसका सीधा असर मानसून पर पड़ेगा. गर्मियों के मौसम में मैदानी इलाकों में पड़ने वाली गर्मी ही इन हवाओं को ठीक से बनाने के लिए जिम्मेदार होती है. 


जलवायु परिवर्तन के विशेषज्ञों का कहना है कि पहले अरब सागर काफी ठंडा हुआ करता था लेकिन इन दिनों वह काफी गर्म है, जिस वजह से वह इतना ज्यादा मानसून की हवाएं नहीं बना पा रहा है.


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