भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने गर्मियों से संबंधित अपने पूर्वानुमान में कहा है कि उत्तर और पूर्वी भारत में अप्रैल से जून तक दिन का तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है. आईएमडी ने कहा कि दक्षिण भारत के अधिकतर हिस्सों, पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों, पूर्वोत्तर आदि क्षेत्रों में अधिकतम तापमान के सामान्य स्तर से कम रहने का अनुमान है.


मौसम विज्ञान विभाग ने कहा, “आगामी गर्मियों के मौसम (अप्रैल से जून)में, उत्तर, उत्तर-पश्चिम के अधिकांश हिस्सों और पूर्व मध्य भारत के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान के सामान्य से ऊपर रहने का अनुमान है. उल्लेखनीय है कि देश के कई हिस्सों में मार्च महीने में ही अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला गया.


तीन अप्रैल से फिर लू चलने की आशंका


मौसम विभाग ने बुधवार को कहा कि लू का सामना कर रहे उत्तर भारत के मैदानी इलाकों को अगले दो दिन में कुछ राहत मिलेगी क्योंकि तापमान में तीन से पांच डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आने की संभावना है. इसने कहा कि राहत हालांकि कुछ समय के लिए ही होगी और मैदानी इलाकों में तीन अप्रैल से फिर लू चलने की आशंका है.


पिछले चार-पांच दिन में देश के कई हिस्सों में, खासकर राजस्थान में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच चुका है. राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को ‘‘भीषण’’ लू चली क्योंकि तापमान 40.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया जिससे 76 साल में मार्च का यह सबसे गर्म दिन साबित हुआ. भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि गुजरात से हरियाणा तक क्षेत्रों के बीच दबाव भिन्नता रही. इसके अलावा राजस्थान से भी गर्मी स्थानांतरित हुई जो पहले से ही लू का सामना कर रहा था.


मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं लू विशेषज्ञ नरेश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान से भी गर्मी स्थानांतरित हुई और पाकिस्तान के एक मौसम केंद्र में इसी अवधि में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. कुमार ने कहा कि एक पश्चिमी विक्षोभ भी था, लेकिन यह मैदानी इलाकों में नमी लेकर नहीं आया, इसलिए तापमान में वृद्धि हुई.


अगले 2 दिनों में तापमान में गिरावट की संभावना


मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में कहा, ‘‘अगले दो दिन में उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में तापमान में तीन से पांच डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट की संभावना है जिससे आज (31 मार्च) से राजस्थान को लू से राहत मिलने की संभावना है.’’ इसने कहा कि 31 मार्च से एक अप्रैल तक राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल में धूल भरी हवाएं (30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से) चलने की संभावना है.