IMD Alert for Cyclone Dana: भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने सोमवार (21 अक्टूबर, 2024) को पूर्वानुमान लगाया कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र 23 अक्टूबर तक भयंकर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है और अगले दिन ओडिशा और पश्चिम बंगाल से सटे तटों तक पहुंच सकता है. चक्रवात दाना के आने से दोनों राज्यों में कम से कम तीन दिनों तक भारी बारिश होने की संभावना है. 


मध्य पूर्व बंगाल की खाड़ी पर बन रहे डिप्रेशन की कल साइक्लोनिक तूफान में तब्दील होने की पूरी संभावना है, जिसके बाद ये पश्चिम और उत्तर दिशा में गति करते हुए ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों से टकराएगा. ये कितना खतरनाक हो सकता है? इसका अंदाजा इसकी लैंडफॉल स्पीड से ही लगाया जा सकता है. आईएमडी के मुताबिक, लैंडफॉल के समय 100-120 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना हैं.


किन इलाकों पर होगा सबसे ज्यादा प्रभाव?


मौसम विभाग की मानें तो 24 तारीख की रात और 25 अक्टूबर की सुबह के बीच यह तूफान गंभीर चक्रवात में तब्दील होकर ओडिशा के पुरी और बंगाल के सागर द्वीप समूह से टकराएगा. इसी के साथ 24 अक्टूबर को पश्चिम और पूर्व मिदनापुर के साथ दक्षिण 24 परगना में भारी बारिश होने की संभावना है. 25 अक्टूबर को इन जिलों के साथ ही झारग्राम में भी ‘अत्यधिक भारी वर्षा’ यानी 20 सेंटीमीटर से ज्यादा बारिश होने का अनुमान है. लैंडफॉल के समय इन तमाम जिलों में 100 से 110 किम प्रति घंटे की तेज गति से हवा चलेगी. 


कितना नुकसान होने की संभावना?


मौसम विभाग की मानें तो साइक्लोन दाना के ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों से टकराने पर आस-पास के निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं. शहरी इलाकों में वाटर लॉगिंग की समस्या भी हो सकती है इसलिए मौसम विभाग ने लोगों को ट्रैफिक एडवाइजरी मानने की सलाह दी है. इसी के साथ भारी बारिश और तेज हवाओं की वजह से लैंडस्लाइड या मड स्लाइड भी देखने मिल सकते हैं. साइक्लोन दाना फसलों को भी नुक़सान पहुंचा सकता है. इस खतरे को देखते हुए प्रशासन की ओर से तमाम इंतजाम किए जा रहे हैं.


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