नई दिल्लीः सर्दियों का मौसम शुरू हो गया है लेकिन साल खत्म होते-होते महंगाई ऐसी बढ़ी है कि जनता के पसीने छूट रहे हैं. किचन का बजट प्याज ने बिगाड़ दिया है तो गैस सिलेंडर भी महंगा हो गया है. देश के लोगों पर महंगाई का जो सबसे नया हंटर चला है वो है मोबाइल की कॉल दरों का. वोडाफोन, आइडिया, एयरटेल के बाद जियो ने भी कॉल दरों में बढ़ोतरी का एलान किया है.


मोबाइल कंपनियों की तरफ से टैरिफ बढ़ाने का असर पूरे देश पर है. दिल्ली से लेकर मुंबई और लखनऊ से पटना तक लोग कॉल दर बढ़ाने से नाराज हैं. मुफ्त कॉल और सस्ते डेटा अब सिर्फ इतिहास की बात हो गई है. मोबाइल कंपनियों ने सीधे लोगों की जेब पर हमला किया है.


जनता कॉल ड्रॉप से परेशान


उपभोक्ताओं की शिकायत है कि मोबाइल कंपनियां पहले अपनी सेवाएं सुधारे फिर दाम बढ़ाने के बारे में सोचे. जनता कॉल ड्रॉप और नेटवर्क की प्रॉब्लम से परेशान है और कंपनियां सर्विस में सुधार की जगह जनता पर महंगाई वाला वार कर रही है.


मौजूदा दौर में लगभग हर हाथ में मोबाइल है इसलिए कॉल रेट महंगा होने की चोट भी हर भारतीय पर पड़ी है. प्रीपेड उपभोक्ताओं पर बोझ पड़ा है. डाटा और कॉल दोनों महंगी हुईं. महीने वाला और सालाना रिचार्ज महंगा हो गया है.


अब आप ये सोच कर नहीं बच सकते हैं कि इस कंपनी की कॉल दरें सस्ती हैं या डेटा सस्ता है. आप पर महंगाई की मार में सब एक पर एक हैं. कौन सा नेटवर्क कितना महंगा हुआ है वो भी जान लीजिए.


किस कंपनी का पैक कितना हुआ महंगा


वोडाफोन और आइडिया करीब 42 फीसदी तक महंगा हुआ. एयरटेल 50 फीसदी तक महंगा हुआ. एयरटेल के पैक 50 पैसे से 2 रुपये 85 पैसे रोजाना के हिसाब से बढ़ाए गए हैं. जियो ने मोबाइल सेवाओं के दाम में 40 फीसदी तक की बढ़ोतरी की है. वोडाफोन, आइडिया, एयरटेल की नई दरें कल से और जियो की 6 दिसंबर से लागू होंगी.


देश में मोबाइल उपभोक्ता और खासकर इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की तादाद बेतहाशा बढ़ी है. एक आंकड़े के मुताबिक देश में 118 करोड़ 40 लाख मोबाइल उपभोक्ता हैं. 66 करोड़ 53 लाख लोग इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं. एक व्यक्ति रोजाना 23 मिनट मोबाइल से इंटरनेट इस्तेमाल करता है.


मोबाइल कंपनियां साल की दूसरी तिमाही में बड़े घाटे का दावा कर रही हैं और जिसकी भरपाई अब महंगे कॉल रेट से जनता से वसूला जा रहा है. देश के दूसरे हिस्सों की बात छोड़ दीजिए दिल्ली के सबसे सुरक्षित और हाईप्रोफाइल इलाके लुटियंस जोन में भी ठीक से मोबाइल नेटवर्क नहीं आता है.


प्याज की माला पहनकर नामांकन करने पहुंचे निर्दलीय उम्मीदवार


विपक्ष महंगे कॉल रेट के पीछे सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहा है. जनता पहले से ही महंगे प्याज की मार से परेशान है. देश के खुले बाजारों में प्याज 80 से लेकर 120 रुपये किलो तक बिक रहा है. फिलहाल इससे राहत मिलने वाली भी नहीं है.


महंगे प्याज को लेकर लोग अलग अलग तरीके से गुस्सा जाहिर कर रहे हैं. झारखंड के बोकारे में एक निर्दलीय उम्मीदवार तो प्याज की माला पहनकर ही नामांकन भरने पहुंच गए. बाजार में प्याज की सप्लाई काफी कम है जिसकी वजह से दाम काबू में नहीं आ रहे हैं.


गैस सिलेंडर भी हुआ महंगा


सरकार मिश्र और तुर्की से प्याज का आयात करने वाली है लेकिन आपको महंगे प्याज से तुरंत राहत मिलने वाली नहीं है. मोबाइल और प्याज के अलावा गैस सिलेंडर भी लोगों का तेल निकाल रहा है. गैर सब्सिडी वाला एलपीजी सिलेंडर दिसंबर से महंगा हो चुका है.


दिल्ली में गैर सब्सिडी वाला सिलेंडर 13 रुपये 50 पैसे महंगा हुआ है. सिलेंडर का दाम 681.50 रुपये से बढ़कर 695 रुपये हो गया है. कोलकाता में सिलेंडर 19.50 रुपये से बढ़कर 725.50 का हो गया है. मुंबई में 14 रुपये बढ़कर 665 रुपये का हो गया है.


मतलब साल खत्म होते होते तक महंगाई का चौतरफा माहौल तैयार है. नए साल से पहले ही जनता बिगड़े बजट की चिंता में डूब गई है.


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