उत्तराखंड आपदा का असर दिल्ली पर, पानी में मलबा-गाद-कीचड़ के चलते जलापूर्ति हो सकती है प्रभावित
करावल नगर स्तिथ भगीरथ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की स्तिथि का जायज़ा लेने abp न्यूज़ की टीम पहुंची. जिस कैनाल के ज़रिए पानी ट्रीटमेंट प्लांट में आता है, वहां अभी भी पानी कीचड़ से भरा और मटमैला है.
नई दिल्ली: उत्तराखंड के चमोली में आई आपदा के निशान दिल्ली तक दिखाई दे रहे हैं. ग्लेशियर टूटने से जो त्रासदी हुई, उसका असर दिल्ली में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पहुंचने वाले पानी पर पड़ा है. मुरादनगर से अपर गंगा कैनाल से आने वाले पानी में कीचड़, गाद, पेड़-पौधे होने के चलते दिल्ली के दो बड़े वाटर ट्रीटमेंट प्लांट सोनिया विहार और भगीरथ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के प्रोडक्शन पर असर पड़ा है. जिसके चलते बीते 24 घंटे से लेकर अगले 24 घंटे तक कुछ इलाकों में पानी की सप्लाई पर असर पड़ रहा है. हालांकि दिल्ली जल बोर्ड की ओर से कहा गया है कि अब काफी हद तक प्रोडक्शन को री-स्टोर कर लिया गया है.
करावल नगर स्तिथ भगीरथ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की स्तिथि का जायज़ा लेने abp न्यूज़ की टीम पहुंची. जिस कैनाल के ज़रिए पानी ट्रीटमेंट प्लांट में आता है, वहां अभी भी पानी कीचड़ से भरा और मटमैला है. प्लांट में मौजूद इंजीनियर्स के मुताबिक 13 फरवरी की दोपहर में सबसे पहले गंगा का गंदा पानी आना शुरू हुआ था. छुट्टी का दिन होने के बावजूद प्लांट में तमाम बड़े इंजीनियर और करीब 250 लोगों का स्टाफ 24 घंटे पानी की सफाई में लगा रहा. इस प्लांट की कुल क्षमता 110 एमजीडी की है और रविवार को यह घटकर महज़ 40 फीसदी रह गई थी. प्लांट के अधिकारियों के मुताबिक पानी में लकड़ी के टुकड़े, मलबा अधिक होने से मशीनें जाम हो जाने का डर रहता है. ऐसे में लगातार मशीनों की सफाई करना एक बड़ी चुनौती थी, क्योंकि मशीनें जाम होने की वजह से पानी का प्रोडक्शन कई घंटों तक रुक सकता था.
दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने भगीरथ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का दौरा किया. abp न्यूज़ से बात करते हुए राघव ने बताया, "उत्तराखंड में जो आपदा आई उससे गंगा नदी का पानी जो अपर कैनाल मुरादनगर से होते हुए आता है, उसमें गंदगी पाई गई. जिस तरह से गंदगी आई उसके चलते हमारे 2 वाटर ट्रीटमेंट प्लांट सोनिया विहार और भागीरथ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में उत्पादन बाधित रहा. पानी में इस गंदगी का पैमाना NTU (Nephelometric Turbidity Units) में मापा जाता है. फरवरी के महीने में अमूमन यह 100 NTU के आस पास होता है. लेकिन इस आपदा के चलते पानी में कीचड़, मलबा, लकड़ी, पौधे आदि पाए गए, जिसके चलते गंदगी 100 NTU से बढ़कर 8000 NTU तक पहुंच गई. पूरे दिल्ली जल बोर्ड ने मेहनत करके 8000 NTU के गंदगी के स्तर को 24 से 36 घंटे में 960 NTU पर ले आए और आने वाले समय में इसे घटाकर 100 NTU पर ले आएंगे.
दिल्ली में पानी की सप्लाई पर ताज़ा स्तिथि बताते हुए राघव चड्ढा ने कहा, "सोनिया विहार और भगीरथ ट्रीटमेंट प्लांट की कुल मिलाकर 250 एमजीडी क्षमता है, वो 100 फीसदी से घटकर 40 फीसदी रह गई थी. जल बोर्ड के प्रयासों के चलते हम फिर इसे 100 फीसदी पर ले आए हैं. जिन इलाकों में सप्लाई बाधित थी, वहां साफ पानी अगले 24-36 घंटों के अंदर पहुंच जाएगा. पानी की सप्लाई का जो शेड्यूल समय है, उसके हिसाब से कुछ इलाकों में 2 घंटे में कुछ में 24 घंटे में पहुंच जाएगा. 3 बड़े इलाके दक्षिणी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली और उत्तर पूर्वी दिल्ली जहां पानी की समस्या महसूस की जा रही थी. उसके लिए हमने वाटर टैंकर लगाकर जलापूर्ति के प्रयास किए हैं."
दिल्ली में आगे पानी की सप्लाई कैसी रहेगी इस पर बात करते हुए राघव चड्ढा ने कहा, "ये आपदा थी, जिसमें जानमाल का नुकसान हुआ और गंगा नदी का पानी जो दिल्ली आता है उससे जलापूर्ति पर प्रभाव पड़ा है. हालांकि अब हमने इसे री-स्टोर किया है. स्तिथि सामान्य होती नजर आ रही है और 90% गंदगी हम साफ कर चुके हैं. यहां तक गंदगी आने में कुछ दिन लगे, इसके बाद हमारे इंजीनियर्स का मानना है कि अभी नहीं लगता कि गंदगी का स्तर बढ़ेगा. अगर बढ़ता है तो हम वॉर फुटिंग स्तर पर उसे निपटने के लिए तैयार हैं. दिल्ली की जनता को साफ पानी मिले ये हमारा एकमात्र लक्ष्य हैं."
दिल्ली जलबोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा कि फ़िलहाल भागीरथी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में गंगा के पानी से 90% गंदगी को साफ कर लिया गया है. इसके अलावा सोनिया विहार वाटर ट्रीटमेंट प्लांट 80% क्षमता के साथ काम कर रहा है. उम्मीद की जा रही है कि अगले 24 घंटों में पानी की समस्या से निजात मिल जाएगी.