नई दिल्ली: रोस्टर विवाद पर चार जजों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जज जस्टिस चेलमेश्वर कहा कि महाभियोग हर सवाल या समस्या का जवाब नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि सिस्टम को दुरूस्त किए जाने की जरूरत है.


महाभियोग के सवाल पर एक इंटरव्यू के दौरान जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा, ''यह सवाल क्यों पूछा गया? ’’ दूसरे दिन कोई मुझ पर महाभियोग के बारे में पूछेगा. मैं नहीं जानता कि यह देश महाभियोग के बारे में इतना अधिक चिंतित क्यों है. हमने ( न्यायमूर्ति रंजन गोगोई के साथ) न्यायमूर्ति सीएस कर्णन के फैसले में लिखा कि इसके अलावा प्रणाली को सुव्यवस्थित करने के लिए अवश्य ही तंत्र होना चाहिए. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘महाभियोग हर सवाल या हर समस्या का हल नहीं हो सकता.’’


रियारमेंट के बाद कोई पद नहीं मांगूंगा
न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि वह अपने रिटायरमेंट के बाद सरकार से कोई नियुक्ति नहीं मांगेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह रिकार्ड में कह रहा हूं कि 22 जून को अपनी सेवानिवृत्ति के बाद मैं सरकार से कोई नियुक्ति नहीं मांगूगा.’’ उच्चतम न्यायालय में प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) के बाद वह सबसे वरिष्ठ न्यायधीश हैं.


जजों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस पर क्या बोले?
जजों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने कहा, ''वह रोष और सरोकार का नतीजा था क्योंकि शीर्ष न्यायालय के कामकाज के बारे में उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर सीजेआई के साथ उनकी चर्चा का वांछित नतीजा नहीं निकल पाया था.''


रोस्टर विवाद पर रखी अपनी बात
लोकतंत्र में न्यायपालिका की भूमिका विषय पर बात करते हुए न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने पीठों के गठन और विभिन्न न्यायाधीशों को मामलों के आवंटन में सीजेआई की प्राथमिकता पर पूछे गए सवालों का भी जवाब दिया.


उन्होंने कहा, ‘‘सीजेआई ‘मास्टर ऑफ रोस्टर’ हैं. बेशक, सीजेआई के पास यह शक्ति है. सीजेआई के पास पीठें गठित करने की शक्ति है लेकिन संवैधानिक प्रणााली के तहत हर अधिकार के साथ कुछ खास जिम्मेदारियां हैं.’’


यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें आशंका है कि न्यायमूर्ति गोगोई (जो नवंबर 2017 में सीजेआई को लिखे पत्र का हिस्सा थे) को अगले सीजेआई के रूप में पदोन्न्त नहीं किया जाएगा? न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने कहा कि उन्हें आशा है कि ऐसा नहीं होगा और यदि ऐसा होता है तो यह साबित हो जाएगा कि 12 जनवरी के संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने जो कहा था वह सही था. हालांकि उन्होंने कहा, ‘‘मैं ज्योतिषी नहीं हूं....’’


उन्होंने हारवर्ड क्लब इंडिया द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में यह कहा. इस क्लब में वे लोग शामिल हैं जिन्होंने इस अमेरिकी विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है और यहां निवास कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी व्यक्ति जो सार्वजनिक पद पर होता है कभी भी आलोचना को टाल नहीं सकता. ’’


यह पूछे जाने पर कि क्या मामलों का चुनिंदा आवंटन संस्था पर विश्वास को कमजोर कर रहा है, तो उन्होंने कहा, ‘‘मेरा ऐसा मानना है और यदि प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है तो यह संदेह की ओर ले जाता है.’’