इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज शेखर यादव पर बड़ा आरोप, सांसद महदी ने इम्पीचमेंट प्रस्ताव का किया ऐलान
Allahabad HC: अगा सैयद रुहुल्ला महदी ने इलाहाबाद HC के जज शेखर कुमार यादव के खिलाफ इम्पीचमेंट प्रस्ताव का ऐलान किया. उनका आरोप है कि जज यादव ने VHP कार्यक्रम में मुसलमानों के खिलाफ बयान दिए.
Impeachment Motion against Justice Shekhar Yadav: नेशनल कांफ्रेंस के नेता और लोकसभा सांसद अगा सैयद रुहुल्ला महदी ने मंगलवार (10 दिसंबर) को कहा कि वे इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज शेखर कुमार यादव के खिलाफ इम्पीचमेंट प्रस्ताव संसद में पेश करेंगे. महदी ने आरोप लगाया कि जज यादव ने विश्व हिंदू परिषद (VHP) के एक कार्यक्रम में मुसलमानों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी.
कांग्रेस, सपा, DMK और टीएमसी का समर्थन मिला
महदी ने दावा किया कि उन्हें कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, DMK और तृणमूल कांग्रेस के कई सदस्यों का इम्पीचमेंट प्रस्ताव के लिए समर्थन मिला है. उन्होंने कहा "मैं संविधान के अनुच्छेद 124(4) के तहत इम्पीचमेंट प्रस्ताव पेश करूंगा ताकि न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव को उनकी ओर से की गई टिप्पणियों के कारण हटाया जा सके."
जज ने दिया विवादित बयान
8 दिसंबर को विश्व हिंदू परिषद के कानूनी प्रकोष्ठ और हाईकोर्ट इकाई के सम्मेलन में बोलते हुए जज शेखर कुमार यादव ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को सामाजिक सौहार्द, लिंग समानता और धर्मनिरपेक्षता के प्रसार के रूप में प्रस्तुत किया. इसके अगले दिन सोशल मीडिया पर जज के विवादास्पद बयानों के वीडियो वायरल हो गए जिसमें उन्होंने कहा था कि कानून बहुसंख्यक समुदाय के अनुसार काम करता है. इस पर कई विरोधी नेताओं ने आलोचना करते हुए इसे "घृणा भाषण" करार दिया.
महदी को इम्पीचमेंट प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए 100 सांसदों की जरूरत
महदी ने कहा कि उन्हें इम्पीचमेंट प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए 100 सांसदों के हस्ताक्षर की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि अब तक सात सांसदों ने उनके प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें सांसद असदुद्दीन ओवैसी, राजस्थान के राजकुमार रावत, बिहार के सुदामा प्रसाद और उत्तर प्रदेश के मोहिबुल्लाह और जियाउर रहमान शामिल हैं। महदी ने इन नेताओं का समर्थन देने के लिए आभार व्यक्त किया।
इम्पीचमेंट प्रस्ताव का समर्थन पर महदी ने क्या कहा?
महदी ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, DMK और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं से भी इस मुद्दे पर बात की है और उन्हें यकीन है कि वे अपनी पार्टी की नेतृत्व से परामर्श लेने के बाद इम्पीचमेंट प्रस्ताव का समर्थन करेंगे. महदी ने कहा "मुझे विश्वास है कि ये पार्टियां भारत के विचार और इसके सिद्धांतों में विश्वास करती हैं और वे इस प्रस्ताव का समर्थन करेंगी. ये मामला अब भारतीय राजनीति में गर्म बहस का कारण बन गया है क्योंकि यह सवाल उठता है कि न्यायपालिका का राजनीतिक आयोजनों में भाग लेना क्या उचित है या नहीं.