भारत में आधार कार्ड की क्या अहमियत है ये तो आपको पता ही होगा. यह भारत सरकार द्वारा भारत के नागरिकों को जारी किया जाने वाला पहचान पत्र है. आधार कार्ड आज के दौर में सिर्फ बड़ों के लिए ही नहीं बल्कि बच्चों के लिए भी एक अहम दस्तावेज बन गया है. एक तरफ जहां इस कार्ड के बिना आप किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं उठा सकते. वहीं दूसरी तरफ इसके ना होने से कई जरूरी काम भी अधूरे रह जाते हैं. 


इस बीच 25 अक्टूबर को इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि भारत के निवासियों के बीच आधार अपनाने और उपयोग करने में अच्छी प्रगति जारी है. आईटी मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, सितंबर महीने में आधार कार्ड के माध्यम से 25.25 करोड़ ई-केवाईसी लेनदेन हुए है. सितंबर की ये संख्या अगस्त महीने की तुलना में 7.7 प्रतिशत ज्यादा है.


उन्होंने अपने बयान में कहा कि ये आंकड़े दर्शाते हैं कि आधार का इस्तेमाल जीवन को आसान बनाने में काफी मददगार साबित हो रहा है. सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि सितंबर के अंत तक आधार के माध्यम से अब तक ई-केवाईसी लेनदेन की संख्या बढ़कर 1297.93 करोड़ हो गई है. इन आंकड़ों से ये तो साफ है कि हमारे देश में बैंकिंग और नॉन बैंकिंग सेक्टर में आधार की बहुत अहमियत है.




ये ई-केवाईसी लेनदेन आधार कार्ड होल्डर  की सहमति से किए जाते हैं, इससे लोगों को फायदा ये होता है कि अब उन्हें केवाईसी करवाने के लिए बैंक जाने की जरूरत नहीं पड़ती.  इसी आंकड़ों के सितंबर 2022 के अंत तक कुल मिलाकर 1,549.84 करोड़ अंतिम बैंकिंग लेनदेन एईपीएस और माइक्रो एटीएम के नेटवर्क के माध्यम से हुए हैं. अकेले सितंबर महीने में, 21.03 करोड़ एइपीएस ट्रांजैक्शन किए गए थे


क्या है एइपीएस ट्रांजैक्शन 


आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AePS), एक सिस्टम है जिसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने विकसित किया है. यह सिस्टम लोगों को आधार नंबर और उनके फिंगरप्रिंट/ आइरिस स्कैन की मदद से वेरिफिकेशन करके माइक्रो-ATM द्वारा वित्तीय ट्रांजेक्शन करने की अनुमति देता है. 


आसान भाषा में समझिये कि इस सिस्टम की मदद से लोगों को ट्रांजेक्शन करने के लिए अपने बैंक अकाउंट की जानकारी देने की ज़रूरत नहीं पड़ती है. लोग केवल अपने आधार नंबर के माध्यम से एक बैंक अकाउंट से दूसरे बैंक में पैसे भेज सकते हैं और प्राप्त कर सकते हैं.


एइपीएस ट्रांजैक्शन पैसे को ट्रांसफर करने के लिए बहुत सुरक्षित है, क्योंकि ट्रांजेक्शन के दौरान ग्राहक को बैंक की जानकारी देने की जरूरत नहीं होती. 




1.62 करोड़ लोगों ने किया आधार अपडेट 


सरकारी आंकड़ों के अनुसार सितंबर महीने के में लगभग 1.62 करोड़ लोगों के आधारों कार्ड को सफलतापूर्वक अपडेट किया गया. जबकि अगस्त में 1.46 करोड़ आधार अपडेट किए गए थे. कुल मिलाकर, अब तक (सितंबर के अंत तक) 66.63 करोड़ से थोड़ा अधिक आधार नंबर निवासियों के अनुरोध के बाद सफलतापूर्वक अपडेट किए गए हैं. 


2009 में हुई शुरुआत


इस कार्ड की शुरुआत 28 जनवरी 2009 को हुई थी, इसके पीछे इन्फोसिस के को फाउंडर नंदन निलेकणी की अहम भूमिका रही है.  UIDAI की वेबसाइट के मुताबिक, जनवरी 2020 तक 1.253 अरब लोगों को आधार कार्ड जारी किये हैं. वहीं अगस्त 2019 तक सरकार इसके लिए 11,366 करोड़ रुपये जारी कर चुकी है.


आधार के बाद कैसे लोगों को सुविधा हुई


हमारे देश में बैंक खाता खुलवाना हो या पासपोर्ट बनवाना हो, ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करना हो, या फिर सिम कार्ड खरीदना हो, हर समय आधार कार्ड की जरूरत पड़ती है. आधार कार्ड आम लोगों की जरूरत के अलावा पहचान और घर के पते का सबसे आम प्रमाण पत्र है. 


इस बीच इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि आधार कार्ड के बाद निवासियों को कई सुविधाएं भी हुई है. इस कार्ड की मदद से कार्ड होल्डर ई-हॉस्पिटल सेवा का लाभ उठा सकते हैं. इसके अलावा बैंक खाता खोलते समय यह कार्ड बहुत काम आता है.


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