भारत और चीन के बीच तनाव घटाने के लिए आज होगी अहम कूटनीतिक बातचीत, संयुक्त सचिव स्तर अधिकारियों की होगी बैठक
भारत और चीन सीमा विवाद पर संयोजन कार्यकारी समूह की बैठक बुधवार को आयोजित की जाएगी. इस बैठक में विदेश मंत्रालय में चीन मामलों के प्रभारी संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) नवीन श्रीवास्तव भाग लेंगे. वहीं चीन के विदेश मंत्रालय में एशिया मामलों के महानिदेशक वू जियांगहो भी शरीक होंगे.
नई दिल्लीः भारत और चीन के बीच अहम कूटनीतिक वार्ता अगले दो दिनों में संभव है. दोनों देशों के बीच सीमा मामलों पर बने संवाद और संयोजन कार्यकारी समूह की बैठक बुधवार को आयोजित की जाएगी. यह बैठक दोनों मुल्कों के बीच संयुक्त सचिव स्तर अधिकारियों के बीच होगी.
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होने वाली इस बैठक में विदेश मंत्रालय में चीन मामलों के प्रभारी संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) नवीन श्रीवास्तव भाग लेंगे. वहीं चीन के विदेश मंत्रालय में एशिया मामलों के महानिदेशक वू जियांगहो भी शरीक होंगे. यह बैठक दोनों देशों के कोर कमांडरों के बीच 22 मई को हुई अहम बातचीत और उसमें तनाव घटाने के लिए बनी रजामंदी को जमीन पर उतारने की व्यवस्था सुनिश्चित करेगी. साथ ही विश्वास बहाली के उपायों पर भी बात होगी.
बीते दिनों विदेश मंत्रालय प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने साफ किया था कि दोनों ही पक्ष तनावपूर्ण मामले को आगे न बढ़ाने और द्विपक्षीय समझौते और प्रोटोकॉल के अनुसार शांति बहाली के उपाय करने पर सहमत हैं. इसके लिए दोनों देशों जहां अपने दूतावासों और विदेश मंत्रालयों के माध्यम से नियमित संपर्क में हैं. वहीं जमीनी स्तर पर भी दोनों पक्षों ने कमांडर के स्तर पर संचार बनाए रखा है. विदेश मंत्रालय ने 19 जून को ही स्थापित कूटनीतिक और सीमा मामलों के परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र WMCC बुलाए जाने के संकेत दे दिए थे.
इससे पहले दोनों देशों के बीच 5 जून को भी संयुक्त सचिव स्तर का यह संवाद हुआ था. इसके बाद 6 जून को दोनों देशों के बीच चुशूल में सैन्य कमांडर स्तर की बातचीत हुई थी. हालांकि इस बैठक के दौरान तनाव घटाने को लेकर बनी सहमति जमीन पर नहीं उतर पाई थी. वापस न जाने को लेकर चीनी सैनिकों की जिंद और आक्रामक तेवरों के कारण दोनों देशों के बीच 15 जून को तनाव खून-खराबे वाले संघर्ष में तब्दील हो गया था. इसमें भारत के 20 और इससे अधिक सैनिक चीन को गंवाने पड़े थे.
माना जा रहा है कि 24 जून को होने वाली बैठक में दोनों देशों की बैठक में भारत की तरफ से इस बात को प्रमुखता से उठाया जाएगा कि LAC पर शांति बहाली की कोशिशों के लिए जरूरी है कि आपसी सहमतियों को जमीन तक पहुंचाया जाए. पिछली बार हुई बातचीत के दौरान दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए थे कि शीर्ष नेतृत्वों द्वारा प्रदान किए गए मार्गदर्शन के अनुसार, दोनों पक्षों को एक दूसरे की संवेदनाओं, चिंताओं और आकांक्षाओं का सम्मान करने के महत्व को ध्यान में रखते हुए शांतिपूर्ण चर्चा के माध्यम से अपने मतभेदों को सुलझाना चाहिए और उन्हें विवाद नहीं बनने देना चाहिए.
डब्ल्यूएमसीसीको 2012 में भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के प्रबंधन में परामर्श और समन्वय के लिए एक संस्थागत तंत्र के रूप में स्थापित किया गया था, साथ ही दोनों पक्षों के सीमा सुरक्षा कर्मियों के बीच संचार और सहयोग को मजबूत करने पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया था.
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