क्या तालिबान को नियंत्रित कर रहा है पाकिस्तान, इस सवाल से मुंह छिपाकर चले गए पीएम इमरान खान
उज्बेकिस्तान के ताशकंद में मध्य-दक्षिण एशिया सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे इमरान खान से जब तालिबान को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया.
पाकिस्तान की कथनी और करनी में फर्क है. वो भले ही आतंकवाद पर लगाम लगाने की बात करता हो लेकिन हर बार उसका असली चेहरा सामने आ ही जाता है. पाकिस्तान अपनी सरजमीं पर आतंकवाद को पनाह देता है. शुक्रवार को जब पाकिस्तान के इमरान खान से ये सवाल किया गया कि क्या पाकिस्तान तालिबान को नियंत्रित कर रहा है तो इसका उनके पास कोई जवाब नहीं था. वो इस सवाल का बिना कोई जवाब दिए मुंह मोड़कर चले गए.
इमरान खान ताशकंद, उज्बेकिस्तान में मध्य-दक्षिण एशिया सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे, इस दौरान उनसे ये सवाल किया गया. जब इमरान खान से ये सवाल पूछा गया कि क्या संवाद और आतंकवाद साथ-साथ चल सकते हैं तो उन्होंने आरएसएस पर ही निशाना साध दिया.
#WATCH Pakistan PM Imran Khan answers ANI question, 'can talks and terror go hand in hand?'. Later he evades the question on whether Pakistan is controlling the Taliban.
— ANI (@ANI) July 16, 2021
Khan is participating in the Central-South Asia conference, in Tashkent, Uzbekistan pic.twitter.com/TYvDO8qTxk
इमरान खान के बयान पर केंद्रीय मंत्री कोशल किशोर की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के आरएसएस वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने कहा कि आतंकवाद की जड़ें पाकिस्तान में हैं. इमरान खान अपने देश में आतंकी ठिकानों से अच्छी तरह वाकिफ हैं. आरएसएस को दोष देने में कोई दम नहीं है, यह उनका अनावश्यक बयान है. आरएसएस ने सद्भाव का संदेश दिया है.
बता दें कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में क्षेत्रीय संपर्क पर दो दिवसीय सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. इस सम्मेलन में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और अन्य कई मध्य और दक्षिण एशियाई देशों के नेता भाग ले रहे हैं.
अधिकारियों ने कहा कि 15-16 जुलाई को आयोजित उच्च स्तरीय सम्मेलन का उद्देश्य मध्य एशिया और दक्षिण एशिया के बीच कनेक्टिविटी को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक खाका तैयार करना है.
अधिकारियों ने कहा, ‘‘मध्य और दक्षिण एशिया: क्षेत्रीय संपर्क, चुनौतियां और अवसर’’ शीर्षक से आयोजित सम्मेलन में क्षेत्र में व्यापार, निवेश और लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने के उद्देश्य के साथ कनेक्टिविटी बढ़ाने के व्यावहारिक तरीकों पर व्यापक रूप से विचार-विमर्श होगा.
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