पाकिस्तान की सियासत में एक बार फिर बड़ा फेरबदल हुआ है. ऐसा फेरबदल जिसकी वजह से इमरान सरकार खतरे में पड़ सकती है. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीपीपी के वरिष्ठ नेता यूसुफ रज़ा गिलानी इस्लामाबाद से सीनेट चुनाव 169 वोटों के साथ जीत गए.



चौंकाने वाली बात ये कि विरोधी यूसुफ रज़ गिलानी के पक्ष में खुद इमरान खान की पार्टी पीटीआई के 9 सांसदो ने भी वोट डाल दिया. आपको बता दें कि चुनाव पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली का नहीं बल्कि सीनेट का था मगर इस्लामाबाद सीनेट के चुनाव में नैशनल एसेंबली के सदस्य हीं वोट करते हैं. आज हुए चुनाव में गिलानी को 169 और हाफिज़ शेख़ को 164 वोट पड़े. हालांकि नवाज़ शरीफ की पार्टी ने आरोप लगाया है कि गिलानी के पक्ष में पड़े वोटों मे से 3 वोटों को रद्द करने की शाजिश की जा रही है मगर इस बाबत पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने कुछ नहीं कहा है.


वहीं, मरयम नवाज़ शरीफ के इमरान खान सरकार के खिलाफ नो कांफिडेंस मोशन लाने का ऐलान किया. जिसके बाद अब इमरान सरकार में प्रभावशाली मंत्री शाह महमूद कुरैशी, संवाद चौधरी और अन्य बड़े मंत्रियों ने ऐलान किया कि इमरान खान खुद  नेशनल एसेंबली में कांफिडेंस वोट और अपना बहुमूत साबित करेंगे.

आपको बता दें कि काफी समय से दबी ज़बान से ये चर्चा गर्म है कि इमरान सरकार में विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, फवाद चौधरी और परवेज़ खट्टर खुद प्रधानमंत्री बनने के ख्वाब देख रहे हैं. ऐसे में आज की गिलानी की जीत इमरान खान के लिए बड़ी चिंता का विषय हो सकती है.


गिलानी की जीत के साथ ही विरोधी दलों के मोर्चे PDM के नेता मरयम नवाज़ शरीफ और बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने इमरान खान पर हमला बोल दिया है. मरयम नवाज़ शरीफ ने पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली में इमरान सरकार के खिलाफ नो कांफिडेंस मोशन लाने का ऐलान कर दिया है. जिस पर फैसला कल 11 दलों के मोर्चे PDM की बैठक में होगा तो वहीं बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने गिलानी की इस जीत के बाद इमरान खान के इस्तीफे की मांग कर दी है.


आपको बता दें की पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली में कुल 342 सीटें हैं जिनमें से 272 चुन के आते और बाकी मनोनित होते हैं. ऐसे में अगर नो कांफिडेंस में विपक्ष आधे से एक ज़्यादा वोट पाने में कामयाब हो गया तो इमरान सरकार गिर सकती है. अब देखना दिलचस्प होगा कि इमरान विपक्ष द्वारा नो कांफिडेंस मोशन और उससे भी ज़्यादा खुद उनकी पार्टी में हुई उनके खिलाफ इस साज़िश से निपट पाते हैं या नहीं.


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