इमरान खान ने दी गीदड़भभकी, कहा- दुनिया साथ आए या न आए, पाकिस्तान कश्मीर पर हर हद तक जाएगा
इमरान खान ने कहा है कि कश्मीर पर मुस्लिम देश उनके साथ हैं और वो कश्मीर का मुद्दा बातचीत से सुलझाना चाहते हैं. पीओके को लेकर भी इमरान खान ने बड़ी बात कही है कि भारत पीओके में ऑपरेशन कर सकता है.
नई दिल्लीः G-7 शिखर सम्मेलन के तहत आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फ्रांस में मिले जहां पीएम मोदी ने ट्रंप के सामने साफ-साफ कहा कि कश्मीर द्विपक्षीय मामला है जिसे भारत और पाकिस्तान आपस में सुलझा लेंगे. इस दौरान ट्रंप ने ये भी कहा कि दोनों देश के प्रधानमंत्री अच्छे हैं और भारत-पाक आपस में मिलकर मुद्दों को सुलझा सकते हैं. अब इस बात से पाकिस्तान के पीएम इमरान खान बिलबिला गए हैं और उन्होंने एक बार फिर कश्मीर का राग अलापा है.
इमरान खान ने कहा है कि कश्मीर पर मुस्लिम देश उनके साथ हैं और वो कश्मीर का मुद्दा बातचीत से सुलझाना चाहते हैं. पीओके को लेकर भी इमरान खान ने बड़ी बात कही है कि भारत पीओके में ऑपरेशन कर सकता है. इतना ही नहीं एक बार फिर परमाणु अस्त्रों की गीदड़भभकी देते हुए उन्होंने कहा है कि दोनों देशों के पास परमाणु हथियार हैं और पाकिस्तान कश्मीर पर किसी भी हद तक जा सकता है. पाकिस्तान के पीएम ने कहा कि अगर ये मुद्दा जंग की ओर गया तो याद रखिए कि दोनों मुल्कों के पास न्यूक्लियर हथियार हैं और ये दुनिया साथ आए या न आए, पाकिस्तान हर हद तक जाएगा.
इमरान खान ने कहा कि हमने भारत से कहा कि आप एक कदम चलेंगे तो हम दो कदम चलेंगे, लेकिन भारत सरकार की ओर से सहयोग की कोई पहल नहीं की गई. उन्होंने इलजाम लगाया कि कश्मीर में हो रहे जुल्म की वजह से कश्मीरी नौजवानों ने पुलवामा को अंजाम दिया. पीएम मोदी का नजरिया, आरएसएस का नजरिया है और आरएसएस को मुस्लिमों से नफरत है वो हिंदू राज की स्थापना चाहता है. आरएसएस के लिए अब मुसलमानों को सबक सिखाने का वक्त आ गया है. इन्हीं लोगों ने महात्मा गांधी की हत्या की थी. जिन्ना ने आऱएसएस की इसी विचारधारा को देखते हुए पाकिस्तान की विचारधारा का समर्थन किया था. गांधी और नेहरू ने जो कश्मीर के लोगों से वायदे किए, वो उसके भी खिलाफ चले गए. भारत में जो हुकूमत चल रही है वो एक आम हुकूमत नहीं है और ये हुकूमत असाधारण विचारधारा पर चल रही है.
इमरान ने फिर माना कि बालाकोट में पुलवामा के बाद हमला हुआ था और उन्होंने इस मुद्दे को अतंर्राष्ट्रीय मंच पर उठा दिया. यूएएन की सुरक्षा परिषद ने 1965 के बाद पहली दफा इस मुद्दे पर चर्चा की और दुनिया ने समझा कि ये अंतर्राष्ट्रीय विवाद है. इमरान खान ने ये भी कहा कि पीओके में अब भारत को किसी भी प्रकार का ऑपरेशन करने में मुश्किलें आएंगी क्योंकि अंतरराष्ट्रीय मीडिया को आरएसएस की विचारधारा समझ में आई है. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि अब हमें क्या करना है? इसके बाद उन्होंने कहा कि पहले तो हम सब फैसला कर लें कि हमें कश्मीर के लोगों के साथ खड़ा होना है. साथ ही उन्होंने कहा कि मैं दुनिया में कश्मीर का एंबेसेडर बनूंगा और वहां की हालात दुनिया में लेकर जाऊंगा. सबको बताऊंगा कि कश्मीर में क्या हो रहा है.
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