नई दिल्ली: भारत के बाद आज पाकिस्तान में करतारपुर कॉरीडोर के शिलान्यास का कार्यक्रम होगा. प्रधानमंत्री इमरान खान आज करतारपुर कॉरिडोर के पाकिस्‍तान वाले हिस्‍से की आधारशिला रखेंगे. कार्यक्रम भारतीय समय के मुताबिक दोपहर 2.30 बजे होगा.


इस उद्धाटन समारोह के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने नवजोत सिंह सिद्धू की भी न्यौता दिया है और सिद्धू वहां पहुंच चुके हैं. कॉरिडोर के शिलान्यास समारोह में शामिल होने के लिए अमरिंदर सिंह और सुषमा स्वराज को भी पाकिस्तान ने आमंत्रित किया था. नवजोत सिंह इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. वहीं भारत सरकार की तरफ से इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और हरसिमरत कौर बादल जाएंगे.


नवजोत सिंह सिद्धू ने कार्यक्रम में शामिल होने के लेकर कहा, ''28 नबम्बर को गुरू नानक जी के वास्ते मैं कांटों के रास्तों पर चलकर पाकिस्तान जा सकता हूं. मैं तो सिख हूं और हम तो झप्पी के लिए जाने जाते हैं ऐसे में जनरल बाजवा से झप्पी भी काम कर गई. मैं तो उसकी झप्पी करूंगा जो मेरे नानक के वास्ते हैं.''


सोमवार को ही डेरा बाबा नानक-करतारपुर साहिब गलियारा का भारत की सरजमीं में उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने आधारशिला रखा था. इस कॉरिडोर के निर्माण से सिख श्रद्धालु पाकिस्तान में रावी नदी के तट पर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब में मत्था टेक सकेंगे.


क्यों है करतारपुर साहिब खास?
पाकिस्तान के नारोवाल जिले में स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा सिख समुदाय का पवित्र धार्मिक स्थल है. सिखों के प्रथम गुरू गुरूनानक देव जी ने जीवन के आखिरी 18 साल यहां गुजारे. करतारपुर में ही नानकदेव जी की मत्यु हुई थी.


यहीं पर सबसे पहले लंगर की शुरूआत हुई थी. नानकदेव जी ने 'नाम जपो, कीरत करो और वंड छको' का सबक दिया था. करतारपुर साहिब गुरुद्वारा गुरुदासपुर में भारतीय सीमा के डेरा साहिब से महज चार किलोमीटर की दूरी पर है.


करतापुर कॉरिडोर बनने से क्या फायदा होगा ?
करतापुर कॉरिडोर बनने से सिखों का 70 साल लंबा इंतजार खत्म होगा. भारत के करोड़ों सिख गुरु नानक की समाधि के दर्शन कर पाएंगे. सिख श्रद्धालुओं को बिना वीजा के पाकिस्तान में एंट्री मिलेगी, सिर्फ टिकट लेना होगा. कॉरिडोर खुलने से भारत-पाकिस्तान के बीच भरोसा बढ़ेगा.