इस्लामाबाद: क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान 11 अगस्त को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. इस शपथ के बहाने इमरान भारत-पाकिस्तान के तल्खी भरे रिश्तों में मिठास घोलने की कोशिश में जुटे हैं. इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शपथ ग्रहण समारोह में न्योता देने की योजना बनाई है. जबकि कई भारतीय हस्तियों को न्योता भेज दिया गया है.


इस संबंध में पीटीआई के नेताओं ने विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से कहा है कि वे इसपर विचार करें. पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि अभिनेता आमिर खान, क्रिकेटर सुनिल गावस्कर, नवजोत सिंह सिद्धू और कपिल देव को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए न्योता दिया गया है.


पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, पीटीआई के प्रवक्ता फवाद चौधरी ने विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से कहा कि शपथ ग्रहण समारोह 11 अगस्त को है, समय कम हैं, अगर इतने कम समय में संभव है तो वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विदेशी मेहमानों को आमंत्रित करें. चौधरी ने कहा कि पार्टी के अनुरोध पर अभी तक विदेश मंत्रालय का जवाब नहीं मिला है.


आपको बता दें कि सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इमरान खान को फोन कर जीत की बधाई दी थी और द्विपक्षीय रिश्तों में नए अध्याय की शुरुआत की उम्मीद जताई थी. खान ने भी प्रधानमंत्री को बधाई के लिए थैंक्यू कहा था. इससे पहले 26 जुलाई को इमरान खान ने जीत के बाद भारत-पाकिस्तान रिश्तों पर कहा था कि भारत एक कदम बढ़ाएगा तो पाकिस्तान दो कदम बढ़ाएगा. भारत के साथ अच्छे संबंध के साथ भारत के साथ मजबूत व्यापारिक रिश्ते चाहते हैं.


हालांकि पाकिस्तान में चुनाव प्रचार के दौरान इमरान खान लगातार भारत खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते नजर आए थे. भारत में राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इमरान खान के शासनकाल में भी रिश्ते सुधरने की उम्मीद कम है. इसकी बड़ी वजह इमरान खान और पाकिस्तानी सेना के बीच नजदीकी है. पाकिस्तानी सेना कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए जानी जाती है. आपको बता दें कि पूर्ववर्ती पीएमएल (एन) की सरकार के दौरान भारत और पाकिस्तान के रिश्ते बेहद खराब रहे थे.


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पाकिस्तान में 25 जुलाई को हुए चुनाव में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था. इमरान खान की पार्टी पीटीआई सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. पीटीआई को 270 सीटों पर हुए चुनाव में 116 सीटें मिली और उसे सरकार बनाने के लिए 20 और सदस्यों के समर्थन की दरकार है. मतों के जादुई आंकड़े को छूने के लिए पीटीआई नेतृत्व ने मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी), ग्रैंड डेमोक्रेटिक एलायंस (जीडीए), पीएमएल-कैद (पीएमएल-क्यू) और बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के साथ साथ निर्दलियों से संपर्क साधा है.


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