भोपाल: मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट में मंत्री पद संभाल चुकी इमरती देवी को लेकर एक बार फिर विवाद सामने आया है. इस बार इमरती देवी को बंगला खाली करने का नोटिस मिला है. इसके बाद जिस पीडब्ल्यूडी अधिकारी ने इमरती देवी को नोटिस भेजा, उस पर गाज गिरी है और उसका तबादला कर दिया गया है. इस मामले ने अब प्रदेश की राजनीति ने भी तूल पकड़ लिया है.


दरअसल, इमरती देवी को सरकारी बंगला खाली करने का आदेश मिला है. रविवार को पीडब्ल्यूडी की ओर से इमरती देवी को नोटिस भेजा गया है. हालांकि इमरती देवी की ओर से इस नोटिस पर कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया गया. इसके बाद पीडब्ल्यूडी के जिस अधिकारी ने इमरती देवी को नोटिस जारी किया, उसका शाम तक ही ट्रांसफर कर दिया गया. जिसके बाद इस मामले में विवाद शुरू हो गया है. बीजेपी ने इस मामले का विरोध किया है. बीजेपी का कहना है कि इमरती देवी अभी भी मंत्री पद पर हैं. ऐसे में उन्हें नोटिस कैसे भेजा जा सकता है.


अधिकारी का तबादला


बता दें कि इमरती देवी को ग्वालियर के झांसी रोड पर सरकारी बंगला मिला हुआ है. वहीं इस बार मध्य प्रदेश में हुए उपचुनाव में इमरती देवी को डबरा विधानसभा सीट से हार का सामना करना पड़ा था. जिसके बाद अब इमरती देवी को बंगला खाली करने का नोटिस भेजा गया था. इमरती देवी को भेजे गए नोटिस में लिखा था कि इमरती देवी फिलहाल किसी पद पर नहीं है. ऐसे में बंगले को खाली करके पीडब्ल्यूडी को सौंपा जाए. बीजेपी नेता इमरती देवी को पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर ओमहरि शर्मा की ओर से ये नोटिस भेजा गया था. हालांकि अब ओमहरि शर्मा का तबादला कर दिया गया.


बीजेपी सरकार में बनी थीं मंत्री


बता दें कि मध्य प्रदेश में हाल ही में हुए उपचुनाव में इमरती देवी डबरा विधानसभा सीट से हार गई थीं. चुनाव में हारने के बाद इमरती देवी ने मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा सौंप दिया था, जिसे फिलहाल मंजूर नहीं किया गया. इमरती देवी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुईं थी और शिवराज सरकार में उन्हें महिला और बाल विकास विभाग सौंपा गया था.


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