जालंधर: वर्ष 2016 में पठानकोट में वायु सेना के स्टेशन पर हुए आतंकवादी हमले के कारण दुनिया भर में सुखिर्यों में रहा पंजाब नोटबंदी, सिनेमा और खेल जगत सहित अन्य वजहों से सुखिर्यों में रहा जिसमें व्यापारियों का विरोध और हाकी के कप्तान पर आरोप प्रमुख हैं. इसके अलावा मुख्यमंत्री के परिवार के स्वामित्व वाली बसों से कुचल कर हुई मौत का मामला भी पूरे साल खबरों में रहा.

वर्ष के उत्तरार्ध में देश भर में एक हजार रूपये और पांच सौ रुपये के नोटों का प्रचलन अचानक बंद करने की प्रधानमंत्री की घोषणा का मिलाजुला असर पंजाब में भी रहा. आमलोगों के एक वर्ग ने जहां इसका समर्थन किया वहीं दूसरे वर्ग ने इसका विरोध भी किया.

नोटों को अमान्य करार दिये जाने के कारण प्रदेश में जहां आम लोगों को दिक्कत आयी वहीं छोटे और मध्यम व्यापारियों ने इसे तालाबंदी बता कर पंजाब व्यापार सेना की अगुवाई में इस फैसले को वापस लेने के लिए राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को पत्र लिखा.

पंजाब व्यापार सेना के प्रमुख रविंदर धीर ने भाषा से कहते है, ‘‘यह नोटबंदी नहीं है. यह छोटे और मध्यम स्केल के उद्योगों पर तालाबंदी है. तकरीबन 60-75 फीसदी व्यापार प्रभावित हुआ है. अभी भी काम रूका हुआ है. पैसे के अभाव में लेबर वापस जा रहे हैं जो दुखद है.’’

प्रदेश में नकदी के अभाव में बैंककर्मियों के साथ हाथापाई की कोशिश और शाखाओं में ताला जडने की भी खबरें आयी. इसके अलावा कथित रूप से कतार में खड़े होने के कारण मौत भी हुई.