नई दिल्ली: दिल्ली में नगर निगम चुनाव लड़ने का एलान कर चुकी प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव की पार्टी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में दिल्ली से जुड़े मुद्दों पर केंद्र, राज्य, निगम सरकारों से सवाल किए. रैली में असली निशाना दिल्ली के सीएम और प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव के पुराने साथी अरविंद केजरीवाल रहे.
स्वराज अभियान की इस रैली में वरिष्ठ वकील शांति भूषण ने एक बड़ा दावा किया. शांति भूषण ने संविधान के खिलाफ काम करने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि केंद्र सरकार इस साल दिल्ली सरकार को हटा कर राष्ट्रपति शासन लागू कर सकती है.
एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए शांति भूषण ने कहा, ''इन्होंने दिल्ली के संविधान को समझा ही नहीं, संविधान के खिलाफ ही काम किया. केंद्र ने एक जांच कमेटी बनाई थी उसने अपनी रिपोर्ट में केंद्र को बताया है. दिल्ली की सरकार कहती है कि हमें पूरा अधिकार है जबकि संविधान इन्हें अधिकार नहीं देता. संविधान में लिखा है कि अगर कोई सरकार संविधान के खिलाफ काम करती है तो उसे हटाकर राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है.''
मामले के सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने के सवाल पर शांति भूषण ने कहा, ''संविधान में धारा इतनी स्पष्ट है कि सुप्रीम कोर्ट दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को पलट ही नहीं सकता. कोई चुनी सरकार जिसे 90% सीट भी आयीं हों वो भी अगर संविधान के खिलाफ काम करेगी तो उसे हटाया जा सकता है.''
रैली के दौरान योगेंद्र यादव ने भी केजरीवाल सरकार पर जमकर हमला बोला. योगेंद्र यादव ने राइट टू रिकॉल की बात करते हुए कहा, ''केजरीवाल दोबारा विश्वासमत जीतें. इसके साथ ही एमसीडी चुनाव में 272 वार्ड में से 136 से कम सीट मिली तो केजरीवाल इस्तीफा दें.'' स्वराज इंडिया की रैली के दौरान 'जवाब दो हिसाब दो' और 'साफ दिल साफ दिल्ली' दिल्ली जैसे नारे लिखे हुए थे.