Aviation Security: लोकसभा में गुरुवार (27 नवंबर) को सरकार ने अगस्त 2022 से नवंबर 2024 तक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा को मिली फर्जी बम धमकियों का डेटा सेयर किया. नागरिक उड्डयन मंत्री के अनुसार इस अवधि में कुल 1148 फर्जी बम धमकियां दर्ज की गईं जिनमें 2024 में इनकी संख्या तेजी से बढ़ी. जनवरी 2024 से 14 नवंबर 2024 तक 999 धमकियां सामने आईं. जबकि 2023 में ये संख्या मात्र 122 थी. अगस्त-दिसंबर 2022 के दौरान केवल 27 फर्जी धमकियां दर्ज की गईं.
इस बढ़ोतरी ने हवाई यात्रा के संचालन में रुकावटें पैदा की हैं. हालांकि सभी धमकियों को जांच के बाद अफवाह पाया गया फिर भी इससे सुरक्षा व्यवस्था और परिचालन प्रक्रिया पर दबाव बढ़ा है.
सख्त सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू
फर्जी धमकियों का सामना करने के लिए नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) ने सुरक्षा उपायों को मजबूत किया है. Bomb Threat Assessment Committees (BTAC) की वर्चुअल बैठकों के माध्यम से खतरों का आकलन तेज कर दिया गया है जिससे प्रतिक्रिया का समय पांच मिनट से भी कम हो गया है. इसके अलावा Bomb Threat Contingency Plan (BTCP) के तहत उड़ानों और हवाई अड्डों पर सुरक्षा प्रोटोकॉल को कड़ाई से लागू किया जा रहा है.
खतरों से निपटने के लिए सरकार का बड़ा फैसला
2024 में फर्जी धमकियों के संबंध में 256 एफआईआर दर्ज की गईं जिनमें 14 अक्टूबर से 14 नवंबर के बीच 163 मामले शामिल हैं. इसके अलावा 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. सरकार अब विमान (सुरक्षा) नियम, 2023 में संशोधन पर विचार कर रही है. इन बदलावों के तहत फर्जी धमकी देने वालों को नो-फ्लाई लिस्ट में शामिल करना और नागरिक उड्डयन सुरक्षा अधिनियम में संशोधन करना शामिल हो सकता है ताकि जमीन पर या हवाई अड्डों पर खतरों से निपटा जा सके.
फर्जी बम धमकियों से हवाई अड्डों का परिचालन प्रभावित
इन धमकियों के कारण परिचालन में बाधाएं आईं और एयरलाइंस, हवाई अड्डे एवं कई लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ा फिर भी भारत में किसी भी फ्लाइट या यात्री पर वास्तविक खतरा नहीं पाया गया. बता दें कि सुरक्षा एजेंसियां इन परिस्थितियों को संभालने में पूरी तरह से सतर्क और तैयार हैं.