जेनेवाः भारत ने मंगलवार को पाकिस्तान को 'वैश्विक आतंकवाद का केंद्र' बताया और इस्लामाबाद से अच्छा पड़ोसी बनने और अपने धार्मिक अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न बंद करने को कहा है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के 43वें सत्र में भारत के जवाब देने के अधिकार के तहत विदेश मंत्रालय में प्रथम सचिव विमर्श आर्यन ने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की दयनीय स्थिति सर्वविदित है, जहां सुनियोजित तरीके से ईशनिंदा कानून का दुरुपयोग कर उनके जीवन को और बदहाल बनाया जा रहा है.


आर्यन ने भारत के खिलाफ पाकिस्तान की बेतुके और अनर्गल टिप्पणियों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, "ऐसा देश, जिसने अपने अल्पसंख्यक समुदायों को दूसरे या तीसरे दर्जे का नागरिक बना दिया है, उसमें दूसरे देश के अल्पसंख्यकों के लिए अचानक ही हमदर्दी जाग गयी है."


उन्होंने उल्लेख किया कि पाकिस्तान को देश बनने के 60 साल बाद अल्पसंख्यक आयोग बनाने का खयाल आया. इस तथाकथित अल्पसंख्यक आयोग में भी अल्पसंख्यकों का समुचित प्रतिनिधित्व नहीं है. उन्होंने कहा, "पाकिस्तान को अपने अल्पसंख्यकों के प्रति सहिष्णु होना चाहिए और हमारे प्रति मित्रतापूर्ण और सहयोगात्मक रवैया होना चाहिए, ताकि दक्षिण-एशियाई क्षेत्र में शांति कायम हो."


भारतीय राजनयिक ने कहा, "इस देश (पाकिस्तान) को कोई भी यही सलाह देगा कि दूसरों के यहां झांकने की बजाए अपने यहां अल्पसंख्यकों से हो रहे भेदभाव को वह बंद करें." आर्यन ने कहा कि जम्मू कश्मीर को लेकर भारत का फैसला हमारे संप्रभु अधिकार के तहत हुआ है और यह भारत का आंतरिक मामला है. जम्मू कश्मीर भारत का अखंड हिस्सा है.


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