नई दिल्ली: कोरोना की रोकथाम को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्रियों के बीच करीब 6 घंटे तक चली मैराथन वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद आ रही खबरों से लॉकडाउन 4 की संभावना बढ़ गई है. फिलहाल इस पर कोई आधिकारिक फैसला नहीं किया गया है. लेकिन ज्यादातर मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपना भरोसा जताते हुए उनके द्वारा लिए जाने वाले निर्णयों के साथ रहने को कहा है. साथ ही कई मुख्यमंत्रियों ने इंडस्ट्रियल एक्टिविटी बढ़ाने के साथ लॉकडाउन बढ़ाने की सिफारिश की है.

बैठक के दौरान मोदी ने भी इकोनॉमिकल एक्टिविटी बढ़ाने के साथ ग्रामीण इलाके को कोविड की पहुंच से बचाये रखने पर जोर दिया है. जिससे माना जा रहा है कि राज्यों में रियायत के साथ कोरोना की रोकथाम के लिए कठोर कदम अभी जारी रहने वाले हैं.

कोरोना काल में अब तक की सभी बैठकों से लंबी चलने वाली बैठक थी

गौरतलब है कि सोमवार को दोपहर 3:00 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर चर्चा की. कोरोना काल के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्रियों के बीच में पांचवी बैठक और अब तक की सभी बैठकों से लंबी चलने वाली बैठक थी. 3:00 बजे शुरू हुई बैठक करीब 9:15 बजे रात को समाप्त हुई. इस बैठक में सभी मुख्यमंत्रियों को बोलने का मौका दिया गया और उनसे लॉकडाउन को लेकर सुझाव मांगे गए 24 मार्च से शुरू है लॉक डाउन की समीक्षा भी की गई.

प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक की शुरुआत करते हुए कहा कि “अब हमारे पास भारत में कोरोना से प्रभावित इलाकों की पूरी जानकारी है. साथ ही जिला स्तर पर इससे निपटने की प्रक्रियाओं को समझा गया है. जो इसके खिलाफ एक लड़ाई लड़ने में मदद करेगी. और इसलिए, अब हम कोरोनोवायरस के खिलाफ इस लड़ाई में अपनी रणनीति पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि हमारे पास दोतरफा चुनौती है - बीमारी के प्रसारण दर को कम करने के लिए, और सभी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए, धीरे-धीरे सार्वजनिक गतिविधि को बढ़ाने की. हमें इन दोनों उद्देश्यों को प्राप्त करने की दिशा में काम करना होगा.

पीएम मोदी ने कहा- ग्रामीण इलाके को कोरोना के संकट से दूर रखना है

प्रधान मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था को लेकर राज्यों द्वारा दिए गए सुझावों पर विचार किया गया है. प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों द्वारा COVID-19 के खिलाफ लड़ाई में सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि देश में चिकित्सा और स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने की आवश्यकता है. साथ ही चिंता व्यक्त की है कि ग्रामीण इलाके को कोरोना के संकट से दूर रखना है.

बैठक के दौरान मुख्यमंत्रियों ने अर्थव्यवस्था पर अपने सुझाव देते हुए कहा कि MSMEs, पावर, इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं, ऋणों पर ब्याज दरों में ढील और कृषि उपज को आसानी से बाजार पहुंचाया जा सके. ऐसा ढांचा बनना चाहिए.

प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के दौरान कहा कि कोरोना संकट ने विश्व युद्ध की तरह पूरी दुनिया को बदल दिया है. अब प्री कोरोना और पोस्ट कोरोना की तरह दुनिया को देखा जायेगा. उन्होंने कहा कि जीवन का नया तरीका "जन सेवक जग तक" के सिद्धांत पर एक व्यक्ति से लेकर पूरी मानवता तक होगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर दो गज की दूरी की बात दोहराई और कहा रात्रि कर्फ्यू से लोगों में सावधानी की भावना आ रही है. उन्होंने लॉकडाउन की समीक्षा करते हुए कहा कि 15 मई तक आप अपने सुझाव दे सकते हैं. ताकि एक व्यापक रणनीति तैयार किया जा सके. राज्यों को भी लॉकडाउन के दौरान और उसके बाद कि तैयारियों को लेकर एक ब्लूप्रिंट बनाने को कहा.

ट्रेन सेवाओं का किया जिक्र

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रेन सेवाओं को फिर से शुरू करने का उल्लेख करते हुए कि आर्थिक गतिविधि को संशोधित करने के लिए यह आवश्यक है. लेकि सभी मार्गों को फिर से शुरू नहीं किया जाएगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि केवल सीमित संख्या में ही ट्रेनें चलेंगी.

गृहमंत्री शाह ने मुख्यमंत्रियों को किया आगाह

पीएम और सीएम की वीसी के दौरान सबसे पहले गृहमंत्री अमित शाह ने संबोधित किया. इस दौरान गृहमंत्री ने कोरोना की गंभीरता को बताते हुए सभी मुख्यमंत्रियों को केंद्र सरकार द्वारा जारी किए जा रहे गाइडलाइन को मजबूती से लागू करने को कहा. उन्होंने कहा कि कोविड 19 की रोकथाम के दौरान लापरवाही से इसके प्रसार की संभावना बढ़ जाएगी.
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