Surrogacy New Rule in India: सरोगेसी के जरिए बच्चे को जन्म देने वाली मां और उन बच्चों को गोद लेने वाले माता-पिता के लिए अच्छी खबर है. सरकार ने ऐसे लोगों के लिए बड़ा फैसला किया है. अब सरोगेसी के मामलों में सरोगेट यानी केंद्र सरकार की कर्मचारी को 180 दिन का मातृत्व अवकाश मिल सकेगा. डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल ट्रेनिंग ने इस संबंध में संशोधित नियमों की अधिसूचना यानी नोटिफिकेशन जारी किया है.
यही नहीं, सरोगेट के साथ-साथ, प्रेजिडिंग मदर यानी कमीशनिंग मदर, जिसके दो से कम जीवित बच्चे हैं, अगर वह सरकारी कर्मचारी है, तो उसे भी 180 दिन का मातृत्व अवकाश मिलेगा. केंद्र सरकार ने इसके लिए केंद्रीय सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 1972 में संशोधन किया है. इस संशोधन के बाद नए नियमों का लाभ केंद्रीय कर्मचारियों को मिल सकेगा.
पिता को भी मिल सकेगी छुट्टी
नए नियम के मुताबिक, अब सरोगेसी के लिए कमीशनिंग मदर, जिसके दो से कम जीवित बच्चे हैं, वह भी चाइल्ड केयर लीव पाने की पात्र होगी. इसके साथ ही सरोगेसी के लिए पितृत्व अवकाश को लेकर भी सरकार की तरफ से बड़ा फैसला लिया गया है. बताया गया है कि अब केंद्रीय कर्मचारी कमीशनिंग पिता, जिसके दो से कम जीवित बच्चे हैं, वह बच्चे के जन्म के छह महीने के अंदर 15 दिन का पितृत्व अवकाश पाने का हकदार होंगे.
सरकार लगातार नियमों में दे रही छूट
बता दें कि भारत में लगातार सरोगेसी नियमों में ढील दी जा रही है. इसी साल फरवरी में केंद्र सरकार ने सरोगेसी के नियमों में बदलाव करते हुए डोनर के एग और स्पर्म लेने की इजाजत दी थी. पिछले साल यानी 2023 में सरोगेसी में नियम 7 के चलते डोनर से एग या स्पर्म लेने पर रोक लगी थी जिसके चलते दंपति को केवल अपने ही एग औऱ स्पर्म यूज करने का नियम लागू कर दिया गया था. लेकिन अब इस नियम में बदलाव हो गया है और संतान की चाह रखने वाले दंपति डोनर से एग और स्पर्म ले सकेंगे.
फरवरी में हुआ था ये बदलाव
केंद्र सरकार ने सरोगेसी (विनियमन) नियम, 2022 में संशोधन करके ये बदलाव किया है. इस नियम के तहत बच्चे की चाह रखने वाले मां बाप अगर किसी मेडिकल कंडीशन के चलते खुद के एग और स्पर्म का यूज करने में अक्षम हैं तो वो डोनर की मदद ले सकते हैं.कहा जा रहा है कि इस बदलाव के चलते मां बाप बनने में असमर्थ लाखों दंपत्तियों को संतान सुख मिल सकेगा.
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