सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल गांधी ने साफ किया, क्यों जरूरी है पीएम मोदी पर सीधा हमला
पार्टी के अंदर की मंत्रणा करते वक्त और कई और मौकों पर भी कुछ नेताओं का मत रहा है कि पीएम मोदी को निशाना बनाने से बीजेपी और मोदी को फायदा होता है और वो सहानुभूति ले जाते हैं, वहीं, कांग्रेस को नुकसान झेलना पड़ता है.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर रोजाना हमला बोलने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सीडब्ल्यूसी की बैठक में आक्रामक अंदाज में साफ किया कि वह प्रधानमंत्री मोदी पर सीधा हमला क्यों करते हैं. दरअसल मंगलवार को हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में कांग्रेस के एक नेता ने प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना करने की पार्टी की रणनीति का मुद्दा छेड़ते हुए सुझाव दिया कि कांग्रेस को नरेंद्र मोदी की बजाय उनकी सरकार की नीतियों को निशाना बनाना चाहिए.
हालांकि इस सुझाव ने राहुल गांधी को नाराज कर दिया और उन्होंने कहा कि लद्दाख से लेकर आर्थिक संकट तक देश की तमाम मौजूदा समस्याओं की जड़ में जब नरेंद्र मोदी द्वारा उठाए गए कदम हैं, तो फिर उनको निशाने पर लिए बगैर बात कैसे हो सकती है! बड़ी बात यह है कि महासचिव प्रियंका गांधी ने भी कहा कि पार्टी में मोदी से राहुल अकेले लड़ते हुए दिखते हैं.
कांग्रेस वर्किंग कमेटी बैठक की अंदरूनी जानकारी देते हुए बैठक में मौजूद सूत्रों के मुताबिक पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री और झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह ने कहा कि जैसे ही हम मोदी को टारगेट करते (निशाना बनाते) हैं वैसे ही चीजें डायवर्ट हो जाती हैं. यानी मुद्दा भटक जाता है. इसलिए मोदी की बजाय उनकी नीतियों को टारगेट करना चाहिए.
दरसअल पार्टी के अंदर की मंत्रणा करते वक्त और कई और मौकों पर भी कुछ नेताओं का मत रहा है कि पीएम मोदी को निशाना बनाने से बीजेपी और मोदी को फायदा होता है और वो सहानुभूति ले जाते हैं, वहीं, कांग्रेस को नुकसान झेलना पड़ता है. 2019 के चुनाव परिणामों के बाद ये चर्चा भी जोरों पर रही थी कि पार्टी का प्रचार मोदी पर केंद्रित रहा और पार्टी मुद्दों को नहीं समझा पाई.
लेकिन यह बात राहुल गांधी को रास नहीं आई. सूत्रों के मुताबिक अपनी बारी आने पर राहुल गांधी ने कहा कि मैं आरपीएन की टिप्पणी पर बात करना चाहता हूं. हमें मोदी को निशाना बनाना चाहिए या उनकी नीतियों को इसके बारे में जो भी सीडब्ल्यूसी तय करेगी मैं उसका पालन करूंगा, क्योंकि मैं कांग्रेस पार्टी का सेवक हूं. लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि सारी नाकामी नरेंद्र मोदी की है, चाहे वह लद्दाख का मामला हो या आर्थिक संकट. राहुल ने उल्टा सवाल उछाल दिया कि फिर हमें किस पर बात करनी चाहिए?
ये बात तब ज्यादा गंभीर हो गयी जब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने टिप्पणी कर दी कि पार्टी में केवल राहुल ही पीएम मोदी से अकेले लड़ते दिखाई देते हैं और आज इस बात पर निर्णय होना ही चाहिए कि हमें पीएम मोदी पर कटाक्ष करना है या केवल सरकार की नीतियों पर.
सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी के आक्रमक रुख के बाद अहमद पटेल समेत पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं ने राहुल की बात में सुर मिलाते हुए कहना शुरू किया कि नरेंद्र मोदी को ही निशाना बनाना चाहिए. सूत्रों के मुताबिक माहौल भांपते हुए सुझाव देने वाले नेता ने कहा कि उनके कहने कह मतलब कुछ और था.
आपको बता दें कि मंगलवार को कांग्रेस ने वर्किंग कमेटी की बैठक भारतीय सीमा में चीन के अतिक्रमण, कोरोना महामारी से पैदा हुए आर्थिक संकट और लगातार बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दाम के मुद्दे पर बुलाई गई थी, जिसमें पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तीनों समस्याओं के लिए मोदी सरकार के कुप्रबंधन और गलत नीतियों को जिम्मेदार ठहराया. हालांकि इस बैठक में थोड़ी देर के लिए खुद कांग्रेस के अंदर रणनीति का कन्फ्यूजन सामने आ गया. हालांकि यह साफ है कि कांग्रेस की रणनीति राहुल गांधी के मुताबिक ही मोदी पर सीधा हमला करने की जारी रहेगी.
आपको बता दें कि पीएम मोदी की आलोचना हो या आरएसएस की, इसे लेकर राहुल गांधी हमेशा से मुखर रहे हैं, जिसके लिए वो कई मुकदमे तक झेल रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल गांधी ने यह भी कहा कि मोदी प्रतिशोध लेने वाले शख्स हैं. इस वजह से दूसरे नेताओं को भय हो सकता है, लेकिन मैं हर परिस्थिति के लिए तैयार हूं.
वहीं, सीडब्ल्यूसी की बैठक में चीन के साथ तनाव के मुद्दे पर बोलते हुए राहुल गांधी ने फिर से प्रधानमंत्री पर तीखा हमला बोला और कहा कि चीन की स्थिति को स्वीकार कर प्रधानमंत्री ने हमारी सेना को धोखा दिया है. राहुल ने कहा, "चीन ने हमारे क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है. पीएम ने उनकी स्थिति को स्वीकार कर कि उन्होंने कोई भारतीय भूमि पर कब्जा नहीं किया हमारी स्थिति को नष्ट कर दिया और हमारी सेना को धोखा दिया."
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