कोरोना संक्रमण को लेकर बिगड़ते हालात के बीच दिल्ली सरकार ने ये फैसला किया है कि 100 या उससे ज्यादा बिस्तरों वाले निजी अस्पतालों को अब 30 फीसदी बिस्तर कोविड मरीजों को देने होंगे. दिल्ली में 100 से ज्यादा बिस्तरों वाले 54 अस्पताल इस नए आदेश के दायरे में आएंगे. इस आदेश के लागू होने पर सामान्य बिस्तरों की संख्या 1844 से बढ़कर 4422, जबकि आईसीयू बेड्स की संख्या बढ़कर 638 से 1357 हो जाएगी.


बेड्स की ऑक्यूपेंसी रिपोर्ट पर भी होगी सरकार की नजर


दिल्ली सरकार ने निजी अस्पतालों को ये भी निर्देश दिए हैं कि अस्पताल में कितने बिस्तर मरीजों से भरे हैं, या खाली हैं इसकी जानकारी सरकार द्वारा चलाए जा रहे पोर्टल पर नियमित रूप से अपडेट करें. देश की राजधानी में भी कोरोना मरीजों की संख्या में अचानक बढ़ोतरी हुई है. रविवार को शहर में कोरोना के 4000 से अधिक नए मामले सामने आए थे, जो पिछले चार महीनों के आंकड़ों में सबसे ज्यादा संख्या थी. पिछले 24 घंटों में दिल्ली में कोरोना के 3548 नए मामले सामने आ चुके हैं. यही नहीं दिल्ली में पिछले 24 घंटों में 15 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत भी दर्ज की गई है.


रिकवरी रेट में गिरावट


कोरोना संक्रमण और उससे होने वाली मौतों के कारण दिल्ली में कोविड का रिकवरी रेट भी घटकर 96.22 फीसदी तक आ गया है. राजधानी में इस वक्त 14589 एक्टिव मरीज हैं. जाहिर है कि राजधानी के लिए ये आंकड़े अच्छे नहीं हैं. आने वाले दिनों में कोविड संक्रमण से निपटने के लिए सरकार ने निजी और सरकारी दोनों ही स्तरों पर अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. बदलती परिस्थितियों को मद्देनजर दिल्ली सरकार के कोविड-फ्री घोषित हो चुके 6 अस्पतालों में कोरोना का इलाज दोबारा शुरू किया जा रहा है. दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक दिल्ली सरकार के 11 अस्पतालों में वेंटिलेटर वाले ICU बेड्स और सामान्य कोविड बेड्स बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं.


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