इंफाल: मणिपुर की जनता ने किसी एक पार्टी को जनादेश नहीं दिया है. मणिपुर के मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह लगातार तीन बार से चुनाव जीतते आ रहे हैं. इस बार भी कांग्रेस ने इबोबी पर ही भरोसा दिखाया. कांग्रेस को मणिपुर में पूर्ण बहुमत तो नहीं मिला. लेकिन मणिपुर में 28 सीटों के साथ कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है.


मणिपुर में बहुमत का आंकड़ा 31 है और कांग्रेस अभी इस आंकड़े से तीन सीट पीछे है. 2017 विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का वोट प्रतिशत 35.1 रहा है. भले ही कांग्रेस को सबसे ज्यादा सीटें मिली हो लेकिन इस पार्टी का वोट प्रतिशत 2017 चुनाव में काफी घटा है. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत यहां 42 प्रतिशत था जो इस बार घटकर 35.1 प्रतिशत रह गया है.


मणिपुर में बीजेपी को बड़ी कामयाबी मिली है. 2012 विधानसभा चुनाव में बीजेपी का वोट प्रतिशत मणिपुर में केवल 2 प्रतिशत था जो इस बार बढ़कर 36.3 प्रतिशत हो गया है. 2017 चुनाव में बीजेपी का वोट प्रतिशत कांग्रेस से ज्यादा है. इस वोट प्रतिशत के साथ बीजेपी ने मणिपुर में 21 सीटों पर कब्जा जमाया है. 2012 के चुनावों में मणिपुर में खाता तक न खोल पाने वाली बीजेपी इस बार 21 सीटों पर विजयी हुई है. कांग्रेस वहीं इस बार के चुनाव में 42 सीटों से लुढ़कर 28 सीटों पर आ गई है.


2017 के विधानसभा चुनावों में नागा पीपुल फ्रंट को 7.2 वोट प्रतिशत के साथ 4 सीटें मिली हैं. इस पार्टी को पिछले विधानसभा चुनाव में भी 4 सीटों पर जीत मिली थी. इस साल हुए विधानसभा चुनाव में नेशनल पीपुल फ्रंट को 4 सीटें मिली और इसका वोट प्रतिशत 5.1 प्रतिशत रहा. 2012 विधानसभा चुनाव में 7 सीटे जीतने वाली टीएमसी इस बार 1 सीट पर सिमटकर रह गई. इस बार इस पार्टी का वोट प्रतिशत 1.4 रहा. इसी के साथ 2017 विधानसभा चुनाव में एलजीपी और निर्दलीय को भी 1-1 सीट मिली. इस बार इन पार्टियों का वोट प्रतिशत 2.5 और 5.1 फीसदी रहा.