नई दिल्लीः सीबीआई ने उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के ओएसडी रहे जीके माधव के सहयोगी धीरज गुप्ता को भी गिरफ्तार किया है. मामला ट्रकों की अवैध उगाही को लेकर था. लेकिन, जब सीबीआई की जांच शुरू हुई तो उसके तार दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के ओएसडी समेत आईएएस अधिकारी तक से जुड़ गए. अब इस जांच के दायरे में जीएसटी के अनेकों अधिकारी हैं और और जांच की आंच नेताओं तक भी पहुंच सकती है.
सीबीआई के मुताबिक मामले की शुरुआत एक ट्रांसपोर्टर की शिकायत के आधार पर हुई. ट्रांसपोर्टर ने सीबीआई को दी शिकायत में कहा कि जीएसटी के अधिकारियों ने उनके दो ट्रक पकड़ लिए हैं और ट्रकों को छोड़ने के बदले लगभग साढे तीन लाख रूपये की रिश्वत मांगी जा रही है.
शिकायत में यह भी कहा गया कि धीरज गुप्ता नाम का शख्स जो कि एक प्राइवेट आदमी है और खुद को बड़े अधिकारियों से कनेक्टेड बताता है. वह दलाली की रकम मांग रहा है.
धीरज गुप्ता के संबंध कई बड़े अधिकारियों से
शिकायत में कहा कि धीरज गुप्ता के संबंध कई बड़े अधिकारियों से हैं और बड़े अधिकारियों के बिहाफ पर वह उगाही का धंधा करता है. शिकायत के आधार पर सीबीआई अधिकारियों ने जाल बिछाया और 2 लाख 26 हजार रुपये लेते हुए धीरज गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया.
इसके बाद धीरज गुप्ता से भी पूछताछ किया गया में पता चला कि यह पैसा वह माधव के लिए ले रहा था जब माधव के बारे में जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि यह शख्स दिल्ली के मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का ओएसडी रह चुका है.
अधिकारियों ने मामले में तथ्य मिलने के बाद माधव को भी गिरफ्तार कर लिया तारीख के फौरन बाद माधव की तलाशी हुई तो उसके पास से दिल्ली सरकार का एक कार्ड मिला और उस पहचान पत्र पर साफ तौर पर लिखा गया था कि माधव की तैनाती दिल्ली के उप मुख्यमंत्री कार्यालय में हैं.
माधव के दौरान मिले दस्तावेज
सीबीआई के एक आला अधिकारी ने बताया कि माधव के यहां हुई छापेमारी के दौरान जो दस्तावेज मिले उसमें 2007 बैच के आईएएस अधिकारी उदित प्रकाश राय का नाम सामने आया. दस्तावेजों से पहचान के आधार पर उदित प्रकाश राय के सिविल लाइन स्थित घर पर और उनके कार्यालय में भी छापेमारी की गई.
सीबीआई का दावा है कि इस मामले में अब तक की जांच के दौरान जीएसटी के अनेकों अधिकारियों के नाम सामने आए हैं और इन नामों के आधार पर सीबीआई ने आज दिनभर आईटीओ पुलिस मुख्यालय के पीछे स्थित जीएसटी कार्यालय में अनेक अधिकारियों के कार्यालयों की तलाशी ली साथ ही कुछ अधिकारियों के घरों पर भी छापेमारीकी
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक. इस मामले की एफआईआर में केवल धीरज गुप्ता का नाम बताओ और आरोपी दर्ज है. बाकी लोगों के नाम जांच के दौरान सामने आए हैं. सीबीआई के एक आला अधिकारी ने कहा कि आईएएस अधिकारी का नाम बतौर आरोपी है या नहीं अभी यह नहीं कहा जा सकता लेकिन उसके घर पर छापेमारी हुई है और उसे भी जांच में शामिल किया गया है.
आखिर कौन है माधव?
सीबीआई के एक आला अधिकारी ने बताया की अब तक की पूछताछ के दौरान सामने आया है कि माधव साल 2003 में DSSB में सेलेक्ट हुआ था बतौर हेड क्लर्क. अगस्त 2003 से 2005 तक एजुकेशन डिपार्टमेंट में रहा.
नवंबर 2005 से जून 2009 तक फ़ूड एन्ड सप्लाई में इंस्पेक्टर रहा. जुलाई 2009 से मार्च 2010 तक हेड क्लर्क रहा पे एन्ड एकाउंट आफिस में. उसके बाद कई और डिपार्टमेंट में भी रहा. इसके यहां से कुछ प्रॉपर्टी के डाक्यूमेंट्स भी मिले है जिनके बारे में पता किया जा रहा है कि यह जायदाद माधव से संबंधित है या नहीं?
फिलहाल इस मामले की जांच की आंच कई बड़े अधिकारियों से होती हुई नेताओं तक भी पहुंच सकती है और इस मामले की गूंज विधानसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद भी धमक देती रहेगी.
दिल्ली रिश्वतकांड: जीके माधव का सहयोगी धीरज गुप्ता भी गिरफ्तार, सिसोदिया के OSD रहे हैं जीके माधव