एक्सप्लोरर

In Depth: बदलने वाला है देश की सत्ता का केंद्र, जानिए कहां होगा नया ठिकाना?

सेंट्रल विस्टा में सबसे बड़ा बदलाव नया संसद भवन है. नए संसद भवन का आकार गोलाकार नहीं होगा.पिछले साल सितंबर में सरकार ने नया पार्लियामेंट बनवाने का फैसला किया.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली का राजपथ जहां से हर साल गणतंत्र दिवस परेड गुज़रती है उसके इर्द-गिर्द का इलाका पूरी तरह से बदल जाने वाला है. अगले 4 सालों में यह सत्ता का केंद्र बन जाने वाला है. इसके तहत देश को नया पार्लियामेंट हाउस मिलने वाला है. नए संसद भवन इमारत की मांग काफ़ी सालों से रही है और अब मोदी सरकार ने इसपर फ़ैसला ले लिया है. इस योजना के तहत सिर्फ नया संसद भवन ही नहीं बनेगा बल्कि सेंट्रल विस्टा का रंग रूप पूरी तरह से बदल जाएगा. सेंट्रल विस्टा यानी इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक का 3 किलोमीटर का इलाका. यहां एक नया कॉमन सेक्रटेरियट बनेगा और प्रधानमंत्री निवास का पता बदलेगा.

2024 में बदलाव के बाद कैसा दिखेगा सेंट्रल विस्टा, किस आकार का होगा संसद भवन, कहां बनेगा प्रधानमंत्री निवास और कौन-कौन सी इमारतें होंगी ध्वस्त...प्रोजेक्ट से जुड़ी तमाम बातों को हम तफ़्सील से बता रहे हैं.

देश की राजधानी दिल्ली के और किसी इलाके को आप जानते-पहचानते हों या ना हों लेकिन इंडिया गेट, राष्ट्रपति भवन, पार्लियामेंट हाउस, नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक जैसे नाम आपने सुने भी हैं और इन्हें सामने से ना सही टेलिविज़न पर तो आए दिन देखते भी हैं. सत्ता का ये वो अहम गलियारा जहां से देश की दिशा औऱ दशा तय होती है यहां एक नया संसद भवन बनने वाला है. कुछ इमारतें गिरायी जानी है और नई बिल्डिंग्स बनायी जानी हैं. सरकार ने सेंट्रल विस्टा को बदलने की ज़िम्मेदारी उठा ली है और इसका कुल खर्च करीब 12000 करोड़ रुपये बताया जा रहा है.

क्या है सेंट्रल विस्टा?

इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन की ओर नाक की सीध पर चलें तो करीब 3 किलोमीटर का रास्ता और इसके दायरे में आने वाली इमारतें जैसे कृषि भवन, निर्माण भवन से लेकर संसद भवन, नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक, रायसीना हिल्स पर मौजूद राष्ट्रपति भवन तक का पूरा इलाका सेंट्रल विस्टा है. सेंट्रल विस्टा में सबसे बड़ा बदलाव नया संसद भवन है. नए संसद भवन का आकार गोलाकार नहीं होगा.

नया संसद भवन

भारतीय लोकतंत्र का मंदिर पार्लियामेंट हाउस जिसे आज हम गोलाकार इमारत और इसके खंभों से पहचानते हैं, लगभग 100 साल पुरानी है. कांग्रेस सरकार के वक्त से ही इस बिल्डिंग के पुनर्विकास या फिर इसकी जगह एक नए भवन के निर्माण की मांग होती रही है. जिसपर आखिरकार मोदी सरकार ने फ़ैसला ले लिया है. अगर प्रपोज़्ड मास्टर प्लान के मुताबिक बात करें तो अगले 2 साल में जो नया संसद भवन खड़ा होगा वो गोलाकार इमारत की जगह त्रिकोणाकार यानि तीन कोनों वाला होगा.

मौजूदा पार्लियामेंट हाउस बिल्डिंग का निर्माण आज़ादी से कई साल पहले सन् 1911 में शुरू हुआ था और आखिरकार इसके 20 साल बाद यानि 1927 में इसका उद्घाटन हुआ था. ब्रिटिश आर्किटेक्ट्स Edward Lutyens और Herbert Baker ने इसका निर्माण किया था और तब ये Legislative Building कहलाया जाता था. 100 साल से भी ज़्यादा वक्त से खड़े संसद भवन के नवनिर्माण या इसकी जगह नई इमारत बनाने की मांग सालों से की जा रही है. इसके दो अहम कारण हैं- एक तो मौजूदा भवन भूकंप-रोधी नहीं है और दूसरा हेरिटेज बिल्डिंग होने की वजह से इसमें बढ़ते कर्मचारियों को जगह देने और आधुनिकीकरण के लिए मरम्मत का काम भी नहीं करवाया जा सकता.

आखिरकार पिछले साल सितंबर में सरकार ने नया पार्लियामेंट बनवाने का फैसला किया. अक्टूबर में केंद्रीय आवास-विकास मंत्रालय ने घोषणा कर दी कि इस प्रोजेक्ट के लिए कंसल्टेंट के तौर पर गुजरात की architecture company HCP Design, Planning & Management Pvt. Ltd को चुना गया है. एचसीपी समेत कुल 6 कंपनियों ने सेंट्रल विस्टा के लिए अपने डिज़ाइन प्रपोज़ किए थे. उनमें से एचसीपी को चुना गया. खबरों के मुताबिक कंपनी को वास्तु सहालकार के रूप में इसके लिए 229.75 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा. HCP के proposed master plan के मुताबिक संसद भवन की नई इमारत मौजूद इमारत के बगल में ही बनेगी और इसका आकार त्रिकोणाकार यानि triangular होगा.

तो क्या प्रपोज़्ड डिज़ाइन के मुताबिक संसद भवन त्रिकोणाकार ही बनेगा? क्या प्रधानमंत्री निवास औऱ सेंट्रल विस्टा की बाकी इमारतों पर काम भी इस प्लान के मुताबिक होगा? केंद्रीय शहरी आवास-विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने साफ़ किया कि अभी इस डिज़ाइन पर चर्चा होनी बाकी है, उसके बाद ही अंतिम फ़ैसला लिया जाएगा.

नए संसद में बनी लोकसभा में 550 से बढ़ाकर 900 से 1000 सांसदों के बैठने की व्यवस्था होगी और इसका डिज़ाइन इस वक्त की लोकसभा जैसा ही यानि horseshoe design पर आधारित होगा. इसमें जॉइंट सेशन के वक्त 1300 लोगों के बैठने के लिए भी पर्याप्त जगह होगी.

आपके मन में अब सवाल ये उठ रहा होगा कि नई इमारत अगर मौजूद ढांचे के बगल में आ रही है तो क्या पुरानी इमारत को गिरा दिया जाएगा....और नहीं, तो इसका क्या होगा? तो आपकी तसल्ली के लिए बता दें कि संसद भवन की बिल्डिंग वहीं रहने वाली है. बस इसका इस्तेमाल बदल जाने वाला है.

नई संसद भवन इमारत के साथ ही नया प्रधानमंत्री निवास, नया उपराष्ट्रपति निवास और नई सेक्रेटेरियेट बिल्डिंग भी इस योजना का हिस्सा हैं जिसके लिए सेंट्रल विस्टा के दायरे में मौजूद कई भवन और इमारतें गिराई जाएंगी.

प्रधानमंत्री निवास और कार्यालय का नया पता !

7 लोक कल्याण मार्ग जो पहले 7 रेसकोर्स रोड के नाम से जाना जाता था. ये बंगला 80 के दशक में बना. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी 1984 में यहां रहने वाले पहले प्रधानमंत्री थे. 2016 में रेस कोर्स रोड का नाम बदलकर लोक कल्याण मार्ग पड़ गया और इसी के साथ प्रधानमंत्री निवास भी बन गया '7 लोक कल्याण मार्ग'. प्रधानमंत्री निवास को अब 7 लोक कल्याण मार्ग जो कि राष्ट्रपति भवन से करीब 2.8 किलोमीटर दूर है, से सीधा राष्ट्रपति भवन के पास सेंट्रल विस्टा के दायरे में ले जाया जा रहा है. साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय भी अपने मौजूदा स्थान की जगह पास ही शिफ्ट कर दिया जाएगा.

सरकार ने तय किया है कि 1947 से पहले बनीं इमारतों जैसे संसद भवन, नॉर्थ-साउथ ब्लॉक और राष्ट्रपति भवन जिन्हें heritage buildings माना गया है, उनके साथ छेड़छाड़ नहीं होगी जबकि 1947 के बाद बनीं करीब 7-8 अहम इमारतें जिनमें निर्माण भवन, कृषि भवन, शास्त्री भवन समेत दूसरी इमारतें शामिल हैं उन्हें सेंट्रल विस्टा के नवीकरण के लिए ध्वस्त करना होगा.

इसी के साथ उप-राष्ट्रपति निवास जो इस वक्त सेंट्रल विस्टा पर राष्ट्रपति भवन से करीब 1.7 किलोमीटर दूर है, उसे भी रायसीना हिल्स पर राष्ट्रपति भवन के ही पास और नए प्रधानमंत्री निवास के सामने दूसरी तरफ़ बनाया जाएगा. संसद भवन, सेंट्रल सेक्रटेरियट समेत सेंट्रल विस्टा में जो नई इमारतें खड़ी की जाएंगी, उनकी उम्र करीब 200 से 250 साल तक की होगी. इसी के साथ कोई भी नई इमारत इंडिया गेट से ऊंची नहीं होगी.

यहां देखें वीडियो-

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Earthquake in Delhi-NCR: 'ऐसा लगा मानो धरती फटने वाली हो', दिल्ली-NCR में लगे भूकंप के झटकों पर क्या बोले लोग?
'ऐसा लगा मानो धरती फटने वाली हो', दिल्ली-NCR में लगे भूकंप के झटकों पर क्या बोले लोग?
Delhi Weather: दिल्ली में झुलसाने वाली गर्मी से पहले प्रदूषण का खतरा, छाए रहेंगे बादल, जानें वेदर अपडेट 
दिल्ली में झुलसाने वाली गर्मी से पहले प्रदूषण का खतरा, छाए रहेंगे बादल, जानें वेदर अपडेट 
यूपी में भूकंप के काफी तेज झटके, नोएडा और गाजियाबाद समेत इन जगहों पर घर से बाहर भागे लोग
यूपी में भूकंप के काफी तेज झटके, नोएडा और गाजियाबाद समेत इन जगहों पर घर से बाहर भागे लोग
Jobs 2025: बिजली विभाग में निकली बंपर भर्ती, जानें कौन और कब से कर सकता है अप्लाई
बिजली विभाग में निकली बंपर भर्ती, जानें कौन और कब से कर सकता है अप्लाई
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

New Delhi Railway Station Stampede: नहीं थे इंतजाम...फिर क्यों किए दावे तमाम? | Breaking NewsNew Delhi Railway Station Stampede: 3 ट्रेन.. 1 प्लेटफॉर्म.. तय था मौत का तूफान! | Breaking NewsDelhi Railway Station Stampede: प्रयागराज से दिल्ली..बदला कुछ नहीं! नई दिल्ली भगदड़ के 'वो' विलेन!Sandeep Chaudhary: कोई नहीं कसूरवार.. जनता अपनी जान की खुद कसूरवार ! Delhi Railway Station Stampede

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Earthquake in Delhi-NCR: 'ऐसा लगा मानो धरती फटने वाली हो', दिल्ली-NCR में लगे भूकंप के झटकों पर क्या बोले लोग?
'ऐसा लगा मानो धरती फटने वाली हो', दिल्ली-NCR में लगे भूकंप के झटकों पर क्या बोले लोग?
Delhi Weather: दिल्ली में झुलसाने वाली गर्मी से पहले प्रदूषण का खतरा, छाए रहेंगे बादल, जानें वेदर अपडेट 
दिल्ली में झुलसाने वाली गर्मी से पहले प्रदूषण का खतरा, छाए रहेंगे बादल, जानें वेदर अपडेट 
यूपी में भूकंप के काफी तेज झटके, नोएडा और गाजियाबाद समेत इन जगहों पर घर से बाहर भागे लोग
यूपी में भूकंप के काफी तेज झटके, नोएडा और गाजियाबाद समेत इन जगहों पर घर से बाहर भागे लोग
Jobs 2025: बिजली विभाग में निकली बंपर भर्ती, जानें कौन और कब से कर सकता है अप्लाई
बिजली विभाग में निकली बंपर भर्ती, जानें कौन और कब से कर सकता है अप्लाई
इंसानों की तरह होता है इस जानवर का दिमाग, सिर्फ एक ही है अंतर
इंसानों की तरह होता है इस जानवर का दिमाग, सिर्फ एक ही है अंतर
WPL 2025: गुजरात ने यूपी वॉरियर्स को बुरी तरह रौंदा, 6 विकेट से दर्ज की बंपर जीत
गुजरात ने यूपी वॉरियर्स को बुरी तरह रौंदा, 6 विकेट से दर्ज की बंपर जीत
बदल लें अपना नमक, कम हो जाएगा हाई बीपी, स्ट्रोक का रिस्क- स्टडी
बदल लें अपना नमक, कम हो जाएगा हाई बीपी, स्ट्रोक का रिस्क- स्टडी
रामदास अठावले ने किया महाराष्ट्र सरकार के इस कदम का विरोध, कहा- 'धार्मिक सौहार्द को...'
रामदास अठावले ने किया महाराष्ट्र सरकार के इस कदम का विरोध, जानें क्या कहा?
Embed widget

We use cookies to improve your experience, analyze traffic, and personalize content. By clicking "Allow All Cookies", you agree to our use of cookies.