देश में जानलेवा कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने सितम ढा रखा है. इस बीच एक राहत देने वाली खबर आई है. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कहा है कि कोरोना की लड़ाई में वैक्सीन कारगर है. कोवैक्सीन टीके की दूसरी खुराक के बाद करीब 0.04 प्रतिशत लोग संक्रमित पाये गये और कोविशील्ड की दूसरी खुराक के बाद 0.03 प्रतिशत लोग संक्रमित मिले. हालांकि बच्चों के बीच संक्रमण के मामले दूसरी वेव में बढ़े हैं.
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि यह पिछली बार के पीक से दोगुना है. यह देश में कोविड का दूसरी वेव है. केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि 21 लाख 57 हज़ार एक्टिव केसेज़ हैं. 85 फीसद रिकवरी हुए. देश के 146 जिले में 15 फीसद पॉज़िटिविटी रेट है. 274 जिलों में 5-15% positivity rate हैं. 308 जिलों में 5% से कम positivity rate है. आशा की किरण है कि केस फेटेलिटी रेट कम हुआ है. देश के 5 राज्यों में 1 लाख से अधिक सक्रिय केसेज़ हैं.
उत्तरप्रदेश में एक्टिव केस और मृत्यु दर भी बढ़ी है. जो चिंता का विषय है. बच्चों के बीच संक्रमण के मामले दूसरी वेव में बढ़े हैं. साथ ही 20 से 30 वर्ष के आयु वर्ग में भी मामले बढ़े हैं. दस वर्ष से कम उम्र के बच्चों के बीच बढ़ा है कोविड से मृत्यु दर का आकंड़ा. हालांकि यह बढ़ोतरी आंशिक ही है. 20 अप्रैल 2021 तक केंद्र सरकार के अस्पतालों में बेड की संख्या 4 गुना बढ़ाई गई है. 1200 बेड रेलवे मंत्रालय और डीआरडीओ के 500 बेड बढ़ाए जा रहे हैं. दिल्ली सरकार के प्रयासों से भी बेड क़ई संख्या बढ़ाई जा रही है.
टीकाकरण पर क्या कहा
टीकाकरण में हेल्थ वर्कर्स को 92,01,928 को पहला डोज़ और 5817262 को दूसरा डोज़ मिल चुका है. देश के 11 राज्यों में हेल्थ केयर वर्कर्स को 90 फीसद से अधिक टीकाकरण किया जा चुका है. अब तक कोवैक्सीन लेने वाले 1.1 करोड़ लोगों में बेहद कम संख्या में संक्रमण हुआ है. साथ ही 11.6 करोड़ कोविशील्ड लेने वालों में भी पहले और दूसरे डोज़ लेने के बाद बहुत कम मात्रा में संक्रमण हुआ है. वैक्सीन उत्पादक अपने उत्पादन का 50 फीसद वैक्सीन केंद्र सरकार को और शेष 50 फीसद राज्य सरकारों व निजी अस्पताल को उपलब्ध कराएंगे. लेकिन वैक्सीन खुले बाजार में नहीं मिलेंगे.
पारदर्शी तरीके से वैक्सीन के दाम घोषित करेंगे उत्पादक. केंद्र सरकार के सप्लाई के आधार चलने वाले टीकाकरण चलता रहेगा निशुल्क. इसमें 45 वर्ष से अधिक आयी वाले लोग लगवा सकेंगे. केंद्र सरकार अब निजी अस्पतालों को वैक्सीन उपलब्ध नहीं कराएगी. देश में आने वाली नई वेक्सीन पर भी 50 प्रतिशत केंद्र सरकार 50 प्रतिशत राज्य व निजी अस्पताल को का सिद्धांत लागू होगा. रेडी टू यूज़ वेक्सीन आयात कर इस्तेमाल की जा सकेंगी वैकल्पिक चैनल में यानि राज्य सरकार व निजी अस्पताल में. टीकाकरण में कोविन डिजिटल सिस्टम में हर टीकाकरण का पंजीयन अनिवार्य होगा.
ऑक्सीजन की किल्कत पर क्या कहा
7600 MT देश में Oxygen का उत्पादन होता है. इसमें से कुछ इस्तेमाल उद्योग करते नहीं और कुछ का प्रयोग चिकित्सा इस्तेमाल के लिए होता है. 6600 मैट्रिक टन ऑक्सीजन राज्यों को उपलब्ध करेंगे. संशोधन किया है और क़ई और उद्योग को भी ऑक्सीजन इस्तेमाल के छूट से बाहर कर दिया गया है 30 अप्रैल तक के लिए. देश में 7500 ऑक्सीजन मेट्रिक टन का उत्पादन होता है. हम अधिकतम का इस्तेमाल इस समय चिकित्सा इस्तेमाल के लिए कर रहे हैं.
प्रेशर स्विंग तकनीक पर आधारित कैप्टिव प्लांट बनाने की अनुमति दी है. साथ ही DRDO की तकनीक का भी इस्तेमाल हम करेंगे. इसकी शुरुआत दिल्ली के क़ई अस्पतालों से करेंगे. 50 हज़ार मीट्रिक टन तरल ऑक्सीजन सप्लाई के लिए टेंडर जारी किया था. उसके जवाब में क़ई देशों से टेंडर मिले हैं. हम उन्हें देख रहे हैं. जल्द ऑर्डर देगे6 ताकि अगले तीन हफ्ते में आपूर्ति.हो सके.
रेमदेसीवीर इंजेक्शन पर क्या कहा
नीति आयोग सदस्य वीके पॉल ने कहा कि रेमदेसीवीर का उत्पादन बढ़ा रहे हैं. लेकिन फिर एक बार कह रहे हैं. बीमारी को दबाती हैं. लेकिन घर में नहीं दे सकते हैं. अस्पताल में ही दें. यह दवा 8-10% से अधिक मामलों में नहीं लगना चाहिए. ब्रेक थ्रू इंफेक्शन हो रहे हैं. लेकिन आकंड़े करीब 10 हज़ार में 2 मामलों जितना छोटा है. यानि आम तौर पर हो रही चर्चाओं का विपरीत है. इस तरह के मामले हेल्थ वर्कर में अधिक हुए हैं.
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