देश के पांच राज्यों में 27 मार्च से पहले चरण की वोटिंग होने जा रही है. इसको लेकर सियासी मैदान में उतरे राजनीतिक दलों की तरफ से वोटरों को लुभाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जा रही है. एक तरफ जहां चुनावी रैलियां कर बड़े-बड़े दावे किए जा रहें हैं तो वहीं दूसरी तरफ वोटरों को रिझाने के लिए उनकी तरफ से जारी चुनावी घोषणा पत्र में दिल्ली सरकार की ओर से जनता को दी गई रियायतों की झलक भी दिख रही है.


दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी के लोगों से विधानसभा चुनाव के वक्त कई वादे किए थे. उनमें से एक था बिजली बिल के 200 यूनिट तक की माफी और महिलाओं के लिए डीटीसी बसों में मुफ्त यात्रा. अब इस बार के विधानसभा चुनाव में कुछ इसी तर्ज पर रानजीतिक पार्टियों की तरफ से वादे किए जा रहे हैं. 


विधानसभा चुनावों में दिल्ली की तर्ज़ पर वादे


कांग्रेस पार्टी ने असम विधानसभा चुनाव से पहले वहां के मतदाताओं को रिझाने के लिए दिल्ली की तर्ज पर ही वहां पर 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त देने का ऐलान किया है. राहुल गांधी ने असम के वोटरों से कांग्रेस की सरकार बनने की सूरत में यह बिजली बिजली फ्री देने का वादा किया है. तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने केरल में भी असम की तर्ज पर 100 यूनिट तक वहां के लोगों को फ्री बिजली का वादा किया है.


बीजेपी की भी वोटरों को रिझाने की कोशिश


उधर, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की अगुवाई वाली टीएमसी का किला फतह करने के लिए पूरे दमखम के साथ उतरी भी कुछ इसी अंदाज में वोटरों को रिझाने के लिए चुनावी वादे कर रही है. कुछ दिल्ली की तर्ज पर ही बीजेपी ने भी मैनिफेस्टो में वादा किया है कि बंगाल में उनकी सरकार बनने पर जहां एक तरफ 200 यूनिट तक हर परिवार को मुफ्त बिजली दी जाएगी तो वहीं दूसरी तरफ महिलाओं के लिए बस यात्रा मुफ्त होगी.


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